
-अखिलेश कुमार-

(पत्रकार एवं फोटोग्राफर)
कोटा। राजस्थान के कोटा का ऐतिहासिक दशहरा मेला सज धजकर तैयार है। दशहरा मैदान में लंकापति रावण का कुनबा अंतिम युदृध के लिए तैयार है। शाम को गोधूली वेला में भगवान श्रीराम असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के लिए अपनी सेना के साथ रावण और उसके परिवार को वध करेंगे।

कोरोना के प्रकोप के कारण दो साल दशहरा मेला का आयोजन नहीं किया गया था। अबकी बार भव्य आयोजन के लिए कोई कसर नहीं छोडी गई है। रावण और उसके कुनबे के पुतले खडे करने के लिए सैंकडों श्रमिकों को कडी मशक्कत करनी पडी। दशहरा के दिन सुबह लोग सजे धजे रावण के पुतले को देखने के लिए दशहरा मैदान पहंुंचे।

उन्होंने कंकरी मारने की रस्म भी निभाई। बच्चों के आकर्षण का केन्द्र खिलौने और अन्य सामग्री के विक्रेताओं ने सुबह से ही अपनी स्टाल सजा ली। जो लोग सुबह रावण और उसके पुतलों को देखने पहंुचे उन्होंने लगे हाथ खिलौनों की भी खरीदारी की।
कोटा दशहरा मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है।रावण और उसका परिवार बड़े ही गर्व से जिस तरह सीना ताने खड़े हैं यह शीर्षक बिलकुल सही है। रावण दहन से पहले रावण और परिवार को देखने के लिए दिनभर भीड़ लगी रहती है।