
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल कोटा पहुंच रहे हैं और वे रविवार को चंबल नदी के तट पर निर्माण के अंतिम चरण में चल रहे चंबल रिवर फ़्रंट के श्रमिक-कामगारों और उनके परिवार के साथ दीपोत्सव मनाएंगे। कोटा के अभूतपूर्व विकास के साथ आने वाले समय में यहां देशी-विदेशी पर्यटन की विपुल संभावनाओं के द्वार खोलने जाने वाले

चंबल रिवर फ्रंट की रचना-संरचना के काम में बीते तीन सालों से लगे श्रमिकों के काम और उनके अथक योगदान को सराहने के लिए ही श्री धारीवाल ने इन श्रमिक-कामगारों और उनके परिवार के लोगों के साथ दीपोत्सव बनाने का फैसला किया है।
पहले चरण का काम अब अंतिम दौर में
नगरीय विकास मंत्री श्री धारीवाल के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में कम से कम 1000 करोड़ रुपए की लागत आएगी एवं दो चरणों में इसका पूरा निर्माण किया जाना है जिसमें से पुरातत्व की परिकल्पना को साकार करने के लिए बनाए जा रहे करीब छह किलोमीटर लंबे रिवर फ्रंट के पहले चरण का काम अब अंतिम दौर में है और जल्दी ही एक अनूठा उपहार कोटा की जनता को इसके रूप में मिलने वाला है।
न्यूयार्क के तट पर बने रिवर फ़्रंट से ज्यादा लंबा होगा
कोटा का चंबल रिवर फ्रंट संयुक्त राज्य अमेरिका के दो महानगरों न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी को बांटने वाली कुल 507 किलोमीटर लंबी हडसन नदी के न्यूयार्क के तट पर बने रिवर फ़्रंट से ज्यादा लंबा होगा जबकि गुजरात में साबरमती के तट पर स्थित रिवर फ़्रंट की तुलना में छोटा होगा जिसके भी दूसरे चरण का काम अभी चल रहा है। कोटा में पुरातत्व की परिकल्पना को साकार करते हुए बनाए गए पहले चरण का रिवर फ्रंट छह किलोमीटर लंबा है और हरीतिमा पट्टी के विकास के साथ स्थापित किए जाने वाले दूसरे चरण का काम पूरा हो जाने के बाद इसकी पूरी लंबाई करीब 19 किलोमीटर हो जाएगी। हालांकि साबरमती में पहले चरण में ही बनकर तैयार हो गए रिवर फ़्रंट की कुल लंबाई 11.5 किलोमीटर है और अभी इसके दूसरे चरण का काम पूरा होना बाकी है। उसके बाद वह निश्चित रूप से चंबल रिवर फ्रंट से बड़ा ही होगा।
विशाल उद्यान विकसित किया जाना प्रस्तावित
कोटा में चंबल रिवर फ़्रंट के पहले चरण के अंतिम दौर में चल रहा काम पूरा हो जाने के बाद साबरमती रिवर फंट की तर्ज पर यहां भी दूसरे चरण का काम प्रारंभिक करना प्रस्तावित है जिसके तहत डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है और उसी के आधार पर दूसरे चरण में चंबल नदी पर नयापुरा में बनी पुलियाओं से लेकर रंगपुर ओवरब्रिज तक नदी के दोनों तटों पर हरीतिमा पट्टी के साथ सैर-सपाटे के लिए विशाल उद्यान विकसित किया जाना प्रस्तावित किया गया है और यह पूरा काम विश्व स्तरीय संरचना को मूर्त रूप देकर ही होगा।
स्थापत्य-शिल्प कला को स्थापित किया
कोटा में पहले चरण में बने रिवर फ्रंट में जहां मात्र तकरीबन 10 फ़ीसदी ही हरियाली और शेष में स्थापत्य-शिल्प कला को स्थापित किया गया है लेकिन दूसरे चरण के कार्य में केवल 10 फ़ीसदी ही पक्का निर्माण होगा जबकि शेष 90 इलाके में हरियाली विकसित की जाएगी, जो सीमेंट-कंक्रीट के जंगल से पूरी तरह मुक्त होगी। बीते मानसून सत्र में कोटा में बना चंबल रिवर फ्रंट उसकी स्थापना के लिए अपनाई गई निर्माण तकनीक की विश्वसनीयता को उस समय साबित कर चुका है जब चंबल नदी पर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में बने सबसे बड़े 1312 फ़ीट के गांधी सागर बांध से लेकर राणा प्रताप सागर,जवाहर सागर और कोटा बैराज के गेट खोलकर अथाह जल की निकासी की गई लेकिन नदी के किनारे पर बनी मजबूत रिटेनिंग वॉल की वजह से रिवर फंट के सभी निर्माण पानी के थपेड़ों से संरक्षित-सुरक्षित रहे।