-दुष्यन्त सिंह गहलोत-
कोटा। न्यायिक अफसर के निवास पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मौत के मामले में प्रदेश भर के न्यायिक कर्मचारी, सामूहिक अवकाश पर उतर गए। कोटा में भी न्यायिक कर्मचारी आज सामूहिक अवकाश रहे। कर्मचारियों ने अदालतों में काम बंद रखा। रैली निकाली और कलेक्ट्री पर धरना दिया। कर्मचारी संघ की मांग है कि न्यायिक अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। मामले की जांच सीबीआई को दी जाए।
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ कोटा के महासचिव नरेंद्र रॉय जैन ने बताया कि 10 नवंबर को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुभाष मेहरा की निर्मम हत्या के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उल्टा मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इस कारण जिले की 67 अदालतों के करीब 600 कर्मचारी अनिश्चितकालीन अवकाश पर उतर गए हैं।
कोर्ट मैनेजर, सिस्टम ऑफिसर, सिस्टम असिस्टेंट, चौकीदार सभी ने अपना काम अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया। उनकी मांग है कि मामले में एफआईआर दर्ज हो,और सीबीआई से मामले की जांच करवाई जाए। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। गुलामी प्रथा को बंद किया जाए। जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक न्यायिक कर्मचारी आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
कोर्ट के बाहर नोटिस चस्पा किया
न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर जाने से अदालतों के बाहर नोटिस चस्पा किया गया है। जिनमें नियमित मुकदमों की अगली पेशी 4 जनवरी लिखी गई है। जे सी के समस्त मामलों की आगामी पेशी 13 दिसंबर व जमानत प्रार्थना पत्र आवश्यक मामलों के प्रकरणों की आगामी पेशी 1 दिसंबर लिखी गई है। न्यायिक कर्मचारियों के अवकाश पर चले जाने के कई लोगों को पता नहीं था। कोर्ट में आने के बाद उन्हें पता लगा,उन्हें वापस लौटना पड़ा।