भारतीय विदेश मंत्रालय ने लिया आड़े हाथ
-द ओपिनियन-
पाकिस्तान अंतरराष्टीय मंचों पर बार बार मिल रही कूटनीतिक शिकस्त से बौखला गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्प्णी इसी बात का प्रतीक है। इस बौखलाहट में वह अपनी वाणी पर ही नियंत्रण खो बैठे। उन्होंने जिस तरह की टिप्पणी की उसके बाद वह विदेश मंत्री पद पर रहने लायक तो नजर नहीं आते। जिस तरह की अमर्यादित भाषा का उन्होंने प्रयोग किया उसके बाद भारत पाकिस्तान के रिश्तों में किसी सुधार की कोई गुंजाइश बचती ही नहीं। कोई विदेश मंत्री किसी देश के शासनाध्यक्ष या राष्ट्राध्यक्ष पर निजी हमला नहीं करता। विरोध सदा नीतियों का होता है और अपने देश के हितों की रक्षा करना उसका फर्ज होता है। लेकिन बिलावल तो किसी कसौटी पर खरे नहीं उतरते। इसी तरह पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी को लेकर अमर्यादित तरीके से प्रहार किया था। इमरान ने उसी दिन भारतीय जनमानस में अपना सम्मान खो दिया। बाद में इमरान पीएम पद से ही विदा हो गए लेकिन पीएम मोदी से कभी न बात हो सकी और ना मुलाकात। रिश्तों में सुधार की बात तो दूर रही। अब वही गलती बिलावल ने की है। बिलावल ने जो कुछ कहा वह कहकर उसने अपनी ही प्रतिष्ठा खोई है। कूटनीतिक बिरादरी में इस तरह की भाषा का प्रयोग कौन करता है। बिलावल की टिप्पणी को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आज बिलावल को खूब फटकारा और 1971 के युद्ध की भी उनको याद दिला दी।।
बिलावल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भाग लेने के सिलसिले में अमरीका के न्यूयार्क में थे। सुरक्षा परिषद की बैठक में भारतीय विेदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसकी आतंकियों को पनाह देने की नीति पर जमकर प्रहार किया और कहा कि आज पाकिस्तान दुनिया में आतंक के केंद्र के रूप में जाना जाता है। जयशंकर ने ओसामा बिन लादेन के शरण देने के मुद्दे पर भी पाकिस्तान को घेरा। इसी बात से बिलावल बौखला गए और अपना आपा खो बैठे।
न्यूयॉर्क में प्रेस मीट के दौरान बिलावल ने पीएम नरेंद्र मोदी अशोभनीय टिप्प्णी की। बिलावल यह भी कह गए कि भारत हिटलर की विचारधारा से प्रभावित है। बिलावल ने भारत पर ब्लूचिस्तान में आतंकवाद फैलाने का भी बेबुनियाद आरोप लगाया। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तीखी प्रतिक्रिया आई। उसने बिलावल को 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान वहां पाकिस्तनी सेना द्वारा किया गया नरसंहार याद दिलाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंद बागची ने कहा कि पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन का शहीद के रूप में महिमामंडन करता है और हाफिज सईद, लखवी, मसूद अजहर, सादिक मीर व दाउद इब्राहिम जैसे आतंकाकारियों को शरण देता है।
याद रहे पाकिस्तान बड़ी मुश्किल से हाल में ग्रे लिस्ट से बाहर निकला है। उसकी आर्थिक हालत वैसे ही खराब है। पूरी दुनिया में कर्ज मांगता फिरता है। ऐसे देश को कौन मदद देकर खतरा मोल लेना चाहेगा।
कहावत है कुत्ते की पूंछ पाइप की नली में 6 माह बंद रहने के बाद भी टेढ़ी की टेढ़ी रहेगी, यही हालत दुश्मन देश पाकिस्तान की बद जुबानी तथा आतंकवादी गतिविधियों के संचालन की है . कश्मीर की मोहतरमा आए दिन भारत सरकार से पाकिस्तान से बातचीत जारी करने की हिमायत करती रहती है लेकिन पाक विदेश मंत्री विलावल भुट्टो की भारत के प्रधानमंत्री मंत्री पर की गई अशिष्ट टिप्पणी पर, जुबान नहीं खुलती है.