इस तरह लिखी जा सकती है सुख, समृद्धि और सुकून की नई इबारत

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– विवेक कुमार मिश्र-

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डॉ. विवेक कुमार मिश्र

साल के पहले दिन खेतों से हरियाली समृद्धि और नयापन कुछ इस तरह लहलहा रहे हैं कि बस देखते रहिए। खेती किसानी की सुख समृद्धि ही वास्तविक सुख समृद्धि है। आज जरूरत इस बात की है कि गांव खेत खलिहान को नये सिरे से देखने समझने की जरूरत महसूस करने वाले मन सामने आये और खेती किसानी को बड़ा मूल्य दिये जाने की आवश्यकता महसूस होती है। यह भी हमारी प्राथमिकता में उसी तरह होना चाहिए जिस तरह नौकरी, औद्योगिकीकरण और तकनीकी है वैसे ही कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा को तकनीकी और वैज्ञानिक गति से जोड़ते हुए एक बड़ा आकर्षण और उस मन को सामने लाने की आवश्यकता है जो खेती किसानी की तरफ सहज रूप से आकर्षित होकर आये। इस तरह सुख समृद्धि और सुकून की एक नई इबारत लिखी जा सकती है।

(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
F-9, समृद्धि नगर स्पेशल , बारां रोड , कोटा -324002(राज.)

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