सोरसन गोडावण का प्राकृतिक आवास

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बाॅम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के विशेशज्ञों की टीम ने बारां जिले के संरक्षित वन क्षैत्र सोरसन के अमलसरा, नियाणा आदि जंगल का दौरा किया

-उम्मेदगंज में डम्पिंग यार्ड बनाना खतरनाक होगा

-बृजेश विजयवर्गीय-

brajesh vijayvargiy
बृजेश विजयवर्गीय

कोटा। बाॅम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के विशेशज्ञों की टीम ने गत दिवस बारां जिले के संरक्षित वन क्षैत्र सोरसन के अमलसरा, नियाणा आदि जंगल का दौरा कर वहां के तलाबों, पक्षियों , वन्यजीवों की गतिविधियों का अध्ययन किया और बताया कि राज्य पक्षी गोडावण के लिए सोरसन उपयुक्त प्राकृतिक आवास है। गोडावण का यहां पर पुनर्वास हर हाल में होना चाहिए। इसके लिए सोसायटी केंद्र और राज्य सरकार को शीघ्र ही अपनी सिफारिशों के साथ संरक्षण के प्रस्ताव भेजेगी और राज्य के मुख्यमंत्री से भी अलग से तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर वार्ता की जाएगी।
सोसायटी के पूर्व निर्देशक पक्षी विशेषज्ञ डाॅ असद रहमानी, निर्देशक विपाश पाण्डव, सहायक निर्देशक सुजीत नरवेड़े,पक्षीविज्ञ मनोज कुलश्रेष्ठ ने कहा कि सोरसन में काले हिरणों, मगरमच्छ,गे मैंगूज ,प्रवासी पक्षियों पेंटेड स्टोर्क,बारहेडेड गूज,रडी शेडलक,कूट, आईबिस,पेंटेल,ग्लोसी आईबिस,रेड नेक्ड अईबिस,पर्पल स्वाम्फेन,काॅमन टील,कोमन क्रेन,इंडियन कोर्सर,शोर्ट टाईड,क्राउण्ड स्पैरो लार्क ,लोमड़ी, सियार आदि की मौजूदगी यहां के जलाशयों और जंगी की स्मृद्धि को इंगित करता है। इस पठारी जंगल को हर प्रकार के खतरों से बचाना आवश्यक है जिससे आने पाली पीढ़ी भी इनका लाभ उठा सके। विधायक एवं हाड़ौती नेचुरलिस्ट्स सोसायटी के अध्यक्ष भरत सिंह ने पर्यावरण दल को सोरसन का महत्व,वहां जलाशयों के विकास और प्रस्तावित गोडवण प्रजनन केंद्र की जानकारी दी। विशेषज्ञों ने कहा कि खनन वन भूमि पर कैंसर के समान है। सोरसन को कंजर्वेशन रिजर्व बनाया जाना चाहिए। तभी यह परिस्थितिकी धरोहर बच पाएगी।

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उन्होंने क्षैत्र में खनन गतिवधियों को देख कर आश्चर्य जताया कि इतने समृद्ध वन संपदा के बावजूद खनन होना जंगल के अस्तित्व पर संकट है। डाॅ रहमानी एवं पर्यावरणविदों ने नियाणा के बलिंडा में बंद ग्ट्टिी क्रेशर को भी देखा और कहा कि ये विनाश का उद्योग किसी भी कीमत पर चलना नहीं चाहिए। सरकार को इसे बंद करने की घोषणा तुरंत करनी चाहिए।
विशेषज्ञ टीम ने सोरसन मेें हाड़ौती नेचुरलिस्ट्स सोसायटी के अध्यक्ष वरिष्ठ विधायक भरत सिंह,सचिव सुनील सिंघल,बाढ़ सुखाड़ विश्व जन आयोग के सदस्य जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय,पर्यटन विकास समिति के जयवर्द्धन सिंह, बारां के उप वन सरंक्षक दीपक गुप्ता ,वन विभाग के क्षैत्रीय वन अधिकारी तथा अमलसरा के वरिष्ट कृषक महावीर चैधरी ,मनोज चैधरी से सोरसन के संरक्षण के प्रयासों पर विचारों को सांझा किया।

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– उम्मेदगंज, रायपुरिया, राजपुरा के जलाशयों का किया अवलोकन

बाॅम्बे हिस्ट्री एवं नेचुरलिस्ट्स सोसायटी के दल ने विधायक भरत सिंह के साथ गत दिवस कोटा के निकट उम्मेदगंज, रायपुरिया और राजपुरा ,सूरसागर तथा डाढदेवी चम्बल की मुख्य नहर के तालाबो का अवलोकन विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों और उनके शीतकालीन प्रवासों को निहारा तथा जलाशयों पर उत्पन्न संकट और उन्हें बचाने के लिए विस्तृत योजना की सलाह दी। दौरे में उप वन संरक्षक जयराम पाण्डे, जल बिरादरी के पदाधिकारी भी साथ रहे। डाॅ पाडव ने कहा कि नहर के आसपास के क्षैत्र उम्मेदगंज को डम्पिंग यार्ड बनाया जाना उचित नहीं होगा। अब जब हम जी- 20 का लीडर बने हैं तो चम्बल को प्रदूषित रखना अपने में आश्चर्यजनक है। पर्यावरणविदों ने रविवार को प्रातः मोटरबोट से चम्बल नदी को देखा वहां गिर रहे गंदे नालों पर उन्होंने गंभीर चिंता प्रकट की। एक सवाल के जवाब में डाॅ रहमानी ने कहा कि देश में चीतों को लाना सकारात्मक कदम है। कूनो में इनको शिफ्ट करना उचित है। नयापुरा कलादीर्घा में सोसायटी के सचिव सुनील सिंघल, एएच जैदी ,आरएस तोमर, बृजेश विजयवर्गीय ने डाॅ रहमानी,पाडव, सुजीत नरवडे को स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया।

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