इमरान खान की गिरफ्तारी का डर और बचाव के दाव पेंचों में उलझा पाकिस्तान

imran khan
इमरान खान। फोटो सोशल मीडिया

-इमरान खान की गिरफ्तारी होगी या करेंगे समर्पण

-द ओपिनियन-

आर्थिक मोर्चे पर गहरे संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने राजनीतिक अराजकता मुंह बाए खड़ी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अदालत से कोई राहत नहीं मिली है और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। कोर्ट पुलिस को इमरान को गिरफ्तार कर 18 मार्च तक अदालत में पेश करने का आदेश दे चुका है। अब सवाल यह उठ रहा है क्या पुलिस इमरान को गिरफ्तार कर लेगी या खुद इमरान आगे बढकर अदालत में समर्पण कर देंगं! लेकिन इमरान खान वाले मामले में पाकिस्तान जिस मुकाम की ओर बढ़ रहा है वहां के हालात बिगड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता। इमरान खान प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही सेना के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। पहले वह तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा पर निशाना साधते रहे और अब जनरल मुनीर उनके निशाने पर आ गए हैं। इमरान जनता के सामने खुद को एक ऐसे राजनेता के रूप में पेश कर रहे हैं जिसके साथ सेना के चलते अन्याय हुआ हो या उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी है। लेकिन वे कानूनी प्रक्रिया में उलझ गए हैं। उनकी गिरफ्तारी का आदेश अदालत ने जारी किया है, इसके बावजूद इमरान गिरफ्तारी से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
मंगलवार को पुलिस इमरान खान को गिरफ्तार करने पहुंची तो उनके समर्थक भड़क गए और पुलिस से भिड़ गए। इमरान के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ। पथराव किया गया, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इमरान ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ अर्जी दी लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने तोशखाना मामले में गिरफ्तारी वारंट निलम्बित करने की इमरान खान की अर्जी खारिज कर दी। इससे पहले एक जिला अदालत ने गुरुवार को कहा कि यदि इमरान खान अदालत में समर्पण कर देते हैं तो वह इस्लामाबाद पुलिस को भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें गिरफ्तार करने से रोक देंगे। बात साफ है कि इमरान खान पर से गिरफ्तारी की तलवार अभी हटी नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ हो गई है कि इमरान खान को जमीनी स्तर पर भले ही पंजाब या अन्य किसी प्रांत में जनसमर्थन हासिल हो लेकिन वे कानून का सम्मान करने वाले एक स्टेट्समैन राजनेता की छवि बनाने में विफल रहें हैं। लगता है इमरान शरीफ बंधुओं को लेकर आशंकाओं सें घिरे हुए हैं; यहां तक कि वे खुद की हत्या कर दिए जाने की आशंका जताते रहे हैं। अराजकता का सहारा लेकर कोई कुछ समय तक कानून का रास्ता रोक सकता है लेकिन वह बच नहीं सकता। इमरान के सामने भी कानून का सामना करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार इमरान अपने घर के अंदर मौजूद हैं और बाहर पुलिस उनके समर्थक पुलिस से उलझे हुए हैं। पुलिस इमरान के समर्थकों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस से लेकर लाठीचार्ज तक का प्रयोग कर चुकी है। पुलिस इमरान को तोशाखाना मामले में गिरफ्तार करने गई थी। रिपार्टों के अनुसार इमरान के खिलाफ पाकिस्तान में 37 केस दर्ज हैं और ये केस उनके फिर से चुनाव लड़ने की राह में बाधा भी बन सकते हैं। इमरान फिर से चुनाव कराने की मांग लगातार करते रहे हैं। इमरान खान आरोप लगा रहे हैं कि देश की शहबाज सरकार उनकी हत्या करने की साजिश रच रही है। पाकिस्तान में राजनीतिक हिंसा कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को भी राजनीतिक हिंसा में जान गंवानी पड़ी थी। रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान भुट्टो पर आत्मघाती हमला हुआ था। इमरान के अभियान ने पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।इमरान खान ने बुधवार को अपने समर्थकों को एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, मेरी गिरफ्तारी का दावा महज नाटक था, उनकी असली मंशा मेरा अपहरण कर हत्या करना है।

पाकिस्तान गहरी मुश्किल मेंः बिलावल
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया है कि इस समय देश संकट के दौर से गुजर रहा है। हम आर्थिक हालातों के अलावा राजनीतिक संघर्ष और सुरक्षा संकट का भी सामना कर रहे हैं। एक अमरीकी टीवी चैनल से बातचीत में बिलावल ने कहा, दुर्भाग्य से पाकिस्तान गहरी मुसीबत में है।

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