chambal nala
चम्बल की अपस्ट्रीम में गिरने वाला गंदा नाला। फाइल फोटो

-बृजेश विजयवर्गीय-

कोटा। चम्बल संसद (राष्ट्रीय जल बिरादरी ) के पदाधिकारियों ने चम्बल में क्रूज संचालन की योजना का स्वागत करते हुए कहा कि पहले चम्बल नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजनाओं पर काम हो जिन्हें अज्ञात कारणों से सरकारों ने ठप्प किया हुआ है। इस बारे में शीघ्र ही चम्बल संसद बुलाई जाएगी।
चम्बल संसद के अध्यक्ष केबी नंदवाना, समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय,महासचिव डॉ अमित सिंह, सलाहकार सीकेएस परमार ने कहा कि कूुज संचालन होना अच्छी बात है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा लेकिन चम्बल में गिर रहे गंदे नालों को लेकर पर्यटक क्या राय बनाऐंगे इस पर भी प्रशासन को गौर करना चाहिए। विजयवर्गीय ने कहा कि पूर्व में चम्बल शुद्धिकरण की सभी योजनाओं पर आधा-अधूरा काम हुआ और पांच वर्ष से अधिक समय से शुद्धिकरण की योजना को ठप्प कर दिया। चम्बल की अपस्ट्रीम कोटा शहर का जल स्त्रोत है। क्रूज तभी चलाया जाना चाहिए जब नदी के जल को साफ रखने की योजना पर काम किया जाए।
चंबल नदी के ट्रीटमेंट संयंत्र नकारा हो गए हैं। चम्बल की अप स्ट्रीम में जहां दर्जनों बड़े नाले शिवपुरा, इंजीनियरिंग कॅलेज, गोदावरीधाम, अधर शिला आदि चम्बल में बिना शोधन के गिर रहे हैं। प्रशासन का पर्यटन विकास पर बैठक करने के साथ चम्बल पर प्रदूषण को लेकर भी गंभारता से विचार विमर्श कर कार्ययोजनाओं को आगे बढ़ाना चाहिए। केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय और राज्य सरकार की संयुक्त योजनाओं को पुर्नजीवित किया जाना चाहिए। चम्बल संसद इस बारे में जिला कलेक्टर को पत्र लिख कर अवगत कराएगी।

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