जेईई-मेन 2023: 11 लाख 12 हजार से अधिक स्टूडेंट्स हुए शामिल

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– गत वर्ष से 2 लाख से अधिक स्टूडेंट्स

– जेईई-एडवांस्ड की आवेदन प्रक्रिया 30 अप्रैल से

– एडवांस्ड की पात्रता में 12 प्रतिशत तक बढ़ोतरी

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जेईई-मेन 2023 परीक्षा जनवरी व अप्रैल माह में आयोजित की गई। जनवरी माह में परीक्षा 24 जनवरी से 1 फरवरी तथा अप्रैल माह में 6 से 15 अप्रैल के मध्य हुई। दोनों परीक्षाओं के उच्चतम एनटीए स्कोर के आधार पर विद्यार्थियों की आल इंडिया रैंक जारी की गई।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष जेईई-मेन 2023 में दोनों सेशन मिलाकर करीब 11 लाख 12 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जो कि गत वर्ष के मुकाबले दो लाख से अधिक है। गत वर्ष कुल 9 लाख 5 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इस वर्ष जेईई-मेन में आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या सर्वाधिक रही। गत वर्षों तक 80 से 82 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होते थे, इस वर्ष यह संख्या 95 प्रतिशत तक रही।
आहूजा ने बताया कि इस वर्ष आईआईटी गुवाहाटी द्वारा 4 जून को जेईई-एडवांस्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है। जेईई-मेन के आधार पर एडवांस्ड पात्रता कटऑफ क्वालीफाई करने वाले विद्यार्थी वेबसाइट पर एडवांस्ड के लिए 30 अप्रैल से 7 मई के मध्य आवेदन कर सकते हैं।
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एडवांस्ड पात्रताः ओबीसी में गत वर्ष के मुकाबले 12 प्रतिशत का अंतर
इस वर्ष परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने के कारण ही कटऑफ भी बढ़ी। जेईई-मेन के आधार पर शीर्ष सभी कैटेगरी मिलाकर 2.5 लाख विद्यार्थियों को एडवांस्ड परीक्षा देने के लिए क्वालीफाई किया जाता है। इसमें ओपन कैटेगरी से 1 लाख एक हजार 250, ईडब्ल्यूएस से 25 हजार, ओबीसी के 67 हजार 500, एससी के 37500 तथा एसटी कैटेगरी के 18750 स्टूडेंट्स क्वालीफाई किया जाता है। इस वर्ष सामान्य श्रेणी की कटऑफ 90.7788642, ईडब्ल्यूएस की कटऑफ 75.6229025, ओबीसी की कटऑफ 73.6114227, एससी की कटऑफ 51.9776027, एसटी की कटऑफ 37.2348772 रही। वहीं गत वर्ष इन्हीं कैटेगरी की कटऑफ ओपन कैटेगरी में कटऑफ 88.41, ईडब्ल्यूएस की 63.11, ओबीसी की 67.00, एससी 43.08, एसटी की 26.73 कटऑफ रही थी। इस वर्ष ओपन की एडवांस्ड परीक्षा के लिए क्वालीफाई कटऑफ 2.3, ईडब्ल्यूएस की 12, ओबीसी की 6, एससी की 8 व एसटी की 11 पर्सेन्टाइल कटऑफ में बढ़ोतरी हुई।
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इस एआईआर पर ये मिलेंगे एनआईटी – ट्रिपलआईटी
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि विद्यार्थी जिनकी एआईआर 5 हजार से कम रहेगी उन्हें टॉप 5 एनआईटी तिरछी, वारंगल, सूरतकल, इलाहाबाद, जयपुर ट्रिपलआईटी इलाहाबाद की कोर ब्रांच मिलने की संभावना होगी। विद्यार्थी जिनकी आल इंडिया रैंक 5 से 10 हजार के मध्य रहेगी, उन्हें उपरोक्त टॉप 5 एनआईटी की अन्य ब्रांचों के अतिरिक्त कालीकट, सूरत, नागपुर,भोपाल,कुरूक्षेत्र, राउरकेला जैसे एनआईटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना है। ऐसे विद्यार्थी जिनकी एआईआर 10 से 20 हजार के मध्य आने की संभावना है, उन्हें जालंधर,जमशेदपुर, दिल्ली, गोवा,अगरतला, हमीरपुर, दुर्गापुर जैसे एनआईटी में कोर ब्रांच के साथ-साथ ट्रिपलआईटी ग्वालियर, जबलपुर, गुवाहाटी,लखनऊ, पेक चंडीगढ़, बिट्स मिसरा आईआईईएसटी शिवपुर, जेएनयू, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना रहेगी। विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक 20 से 30 हजार के मध्य रहती है उन्हें टॉप 10 एनआईटी की अन्य ब्रांचों के अतिरिक्त पटना, रायपुर, सिल्चर, उत्तराखंड, श्रीनगर, आंध्रप्रदेश, अरूणाचल प्रदेश जैसे एनआईटी की कोर ब्रांचों के साथ-साथ नए ट्रिपलआईटी जैसे तिरछी, नागपुर, पूणे, सूरत, भोपाल, वडोदरा, , रांची, आदि मिलने की संभावनाएं बन सकती है। साथ ही 30 से 60 हजार ऑल इंडिया रैंक वाले विद्यार्थियों को टॉप 20 एनआईटी की कोर ब्रांचों के अलावा अन्य ब्रांचों व नोर्थ ईस्ट के एनआईटी जैसे सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम में कोर ब्रांचों के साथ साथ नए ट्रिपलआईटी रांची, धारवाड़ ,कल्याणी, कुर्नूल, चित्तूर ,नया रायपुर, मणिपुर ऊना, कोटयम व जीएफटीआई में प्रवेश मिलने की संभावना बन सकती है। यह दी गयी एआईआर पर कॉलेज मिलने की संभावनाएं कैटेगिरी अनुसार सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एससी-एसटी के विद्यार्थियों के लिए बदल सकती है।
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एनटीए स्कोर में टाइ लगने के बाद एआईआर निर्धारण के मापदण्ड
अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष पहली बार विद्यार्थियों के हायर एनटीए स्कोर में टाइ लगने पर रैंक के निर्धारण के लिए 9 मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं, जिसमें यदि दो विद्यार्थियों के टोटल एनटीए स्कोर समान आते हैं तो ऑल इंडिया रैंक निर्धारण में सर्वप्रथम मैथेमेटिक्स का एनटीए स्कोर देखा जाता है। यह समान होने पर फिजिक्स, इसके बाद कैमेस्ट्री का एनटीए स्कोर, फिर सही और गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है। इस स्थिति में टाइ लगने पर विषयवार मैथेमेटिक्स के सही व गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात, यहां भी टाइ लगने पर फिजिक्स के सही और गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात, उसमें टाइ लगने पर कैमेस्ट्री के सही एवं गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है। उपरोक्त सभी मापदण्डों में भी टाइ लगने की स्थिति में जिस विद्यार्थी की आयु ज्यादा होगी, उसे आल इंडिया रैंक में प्राथमिकता दी जाती है। आयु के मापदण्ड के स्तर पर ही भी यदि टाइ की स्थिति बनती है आवेदन क्रमांक के आरोही क्रम को प्राथमिकता दी देते हैं।

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