नकली करेंसी गिरोह का भंडाफोड

-मुंबई की आंगडिया फर्म का मैनेजर मास्टर माइंड

सूरत। देश की सबसे बड़ी नकली करेंसी का भंडाफोड हुआ है। पुलिस ने मंगलवार को 227 करोड़ मूल्य के और नकली नोट जब्त किए, जिससे जब्त किए गए नोटों की कुल संख्या 317 करोड़ हो गई। पुलिस ने गिरोह के पास 2017 से पहले के चलन के 500 और 1000 रुपये के नकली नोट बरामद किए।

सूरत के जिला पुलिस प्रमुख हितेश जोयसर ने बताया कि यह घोटाला देश का सबसे बड़ा नकली मुद्रा घोटाला बनने जा रहा है। मुंबई में इस नकली करेंसी घोटाले के पीछे लॉजिस्टिक अंगड़िया फर्म का मैनेजर विकास जैन मास्टरमाइंड है। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके मुंबई स्थित गोदाम पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान पुलिस को यहां नए नकली नोट पाए गए। जिन्हें 2017 में विमुद्रीकृत कर दिया गया था। कुल मिलाकर कुल 319 करोड़ 98 लाख 54 हजार जाली नोट मिले। विमुद्रीकृत नकली नोटों के अलावा 65.77 लाख और 261.21 करोड़ के नए नकली नोट बरामद किए गए। हालांकि उन्होंने आशंका जताई कि यह घोटाला और भी बड़ा हो सकता है। विकास जैन ने बताया कि गलती से 500-1000 का नोट उनके पास रह गया था। पुराने नोटों की खोज से पता चला कि यह घोटाला पांच साल से अधिक समय से चल रहा था।

कानूनी उलझनों से बचने के लिए रिजर्व की जगह रिवर्स बैंक लिखा

इस घोटाले की मुख्य विशेषता यह थी कि ये नोट बाजार में करेंसी के लिए नहीं बल्कि ठगी के लिए छापे गए थे। मास्टरमाइंड विकास जैन ने धोखाधड़ी करने के इरादे से मुंबई के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली में शाखाएं खोलीं। ट्रस्ट को चंदा देने के नाम पर न्यासियों से 10 फीसदी कमीशन वसूलने के नाम पर वीडियो कॉल में नकली नोट की रकम दिखाई गई। चंदा के नाम पर प्रक्रिया के नाम पर ट्रस्ट से राशि वसूल कर कभी भी नोट दान नहीं किया गया। इस नकली नोट के किसी भी तरह से पकड़े जाने के मामले से बचने के लिए रिजर्व बैंक के बजाय रिवर्स बैंक लिखा गया और नोट फिल्मों में उपयोग के लिए होना बताना था। हालांकि अहमदाबाद में रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने सुझाव दिया कि यह नोट असली नोट जितने नकली हैं और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते है।

उत्तर प्रदेश में छपे नोट

पुलिस इस घोटाले का मास्टरमाइंड विकास जैन को बता रही है। इस गिरोह में विकास जैन ने जामनगर के शिक्षा एवं चौरिटेबल ट्रस्ट के हितेश कोटड़िया, वराछा के दिनेश पोशीपा और आणंद के विपुल जैन को साथ रखा था। यह नोट उत्तर प्रदेश में छापे थे। यहां से इसे मुंबई विकास जैन के गोदाम में लाया गया और एजेंटों को सप्लाई किया गया। नोट में इस्तेमाल किया गया कागज भी अच्छी गुणवत्ता का था और इन घोटालों को पकड़ने के लिए एक टीम उत्तर प्रदेश भेजी गई थी।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments