आदि पुरुष फिल्म में रावण के रूपण से ‘रावण’ ही नाराज

-नई दिल्ली में जंतर -मंतर पर पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे

-कृष्ण बलदेव हाडा-

kbs hada
कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। आदि पुरुष फिल्म में रावण को मनमाने ढंग से प्रस्तुत किये जाने से रामलीलाओं में रावण के चरित्र को निभाने वाले कलाकार तक नाराज हैं और उनका कहना है कि रामायण में रावण का ऐसा चरित्र नहीं है जैसा कि रूपण आदि पुरुष में किया गया।
उनका कहना है कि इस फिल्म में न केवल रावण बल्कि रामायण के अन्य महापुरुषों के चरित्र की मर्यादा को भी भंग किया गया है। लिहाजा इस फ़िल्म के प्रसारण पर रोक लगाई जाए। रामलीला में रावण का पात्र निभाने वाले कलाकारों ने चेतावनी दी कि यदि इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगाई गई तो देश भर में रंगमंचों पर रावण का किरदार साकार करने वाले कलाकार नई दिल्ली में जंतर -मंतर पर पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे।
देश भर के विभिन्न हिस्सों में मंचित की जाने वाली रामलीलाओं में रावण की भूमिका अभिनीत करने वाले कलाकारों के राष्ट्रीय स्तर पर गठित किए गए संगठन ‘लंकेश कर्मयोगी योगी रावण सरकार’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी बुधवार को रामलीला में रावण के पात्र की राजसी ठाठवाली वेशभूषा को धारण कर अपने साथी-सहयोगियों के साथ प्रदर्शन करने के लिए कोटा में झालावाड़ रोड स्थित एक मॉल के सिनेमाघरों के बाहर पहुंचे और वहां प्रदर्शित की जा रही फिल्म आदि पुरुष पर रोक लगाने की मांग को लेकर न केवल फिल्म में रावण सहित रामायण के अन्य पात्रों का दूषित चरित्र चित्रण करने के विरोध में हाथों में तख्तियां लिए हुए प्रदर्शन किया बल्कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
श्री कर्मयोगी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जीवन दर्शन निर्विवाद रूप से समस्त विद्वानों के लिए आदर्श और प्रेरक है। आवश्यकता है कि उसे यथारूप में देखने की लेकिन आदि पुरुष फिल्म में उसे मनमाने ढंग से प्रस्तुत किया गया है जो सरासर अनुचित है और इसका बड़े पैमाने पर विरोध के बावजूद भी सरकार और सैंसर बोर्ड सभी मौन है।
श्री कर्मयोगी ने कहा कि रामचरित्र मानस में जिस प्रकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का व्यक्तित्व की वर्णन किया गया है और जैसा रावण एवं अन्य पात्रों का व्यक्तित्व है, इस फ़िल्म में उसके विपरीत दर्शाया गया है। आदि पुरुष फिल्म में इन सभी के व्यक्तित्व को अनुचित रूप में दर्शाते हुए मनगढ़ंत तरीके से कल्पना के आधार पर चरित्र गढ़कर सनातन धर्म का अपमान करने के उद्देश्य से इस फिल्म का निर्माण किया गया है। सेंसर बोर्ड धृतराष्ट्र बना हुआ है।श्री कर्मयोगी ने किया कि ‘लंकेश कर्मयोगी योगी रावण सरकार’ संगठन सनातन धर्म के विरुद्ध किए गए इस कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेंगा। यदि फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध नही लगाया गया तो देश भर के ‘लंकेश’ राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचकर आंदोलन करेंगे।

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