
-ए एच जैदी-

(नेचर एण्ड ट्यूरिज्म प्रमोटर)
कोटा। कोटा में कंसुआ को शिव मंदिर पुरातत्व और ऐतिहासिक ही नहीं लोगों की श्रद्धा और विश्वास का केन्द्र भी है। इस मंदिर का प्राचीन इतिहास है और इसके बारे में कई किदवंतियां भी प्रचलित हैं।

हालांकि इस शिव मंदिर पर वर्ष पर्यन्त ही श्रद्घालुओं का आना रहता है। लेकिन महाशिवरात्रि पर तो अलग ही नजारा होता है। बच्चे, बूढे और जवानों की मुंह अंधेरे से ही लाइन लगनी शुरू हो जाती है।

कई श्रद्धालु तो यहीं पर स्थित कुण्ड में स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा अर्चना करने जाते हैं। पूरे समय हर हर महादेव और जय शिव शंकर तथा महामृत्युंजय मंत्र का पाठ मंदिर परिसर में गूंजता रहता है।
इस शिव मंदिदर शिव रात्रि को तो पृरे मेले जैसा माहौल रहता है। यहां बच्चो के लिए झूले भी लगें है नीचे बहुत बड़ा मैदान है जहाँ खाने पीने के स्टाल लगे हैं।

प्रसाद और फूल माला बेचने वालों के साथ ही खिलौने वाले भी आज बडी संख्या में आए हैं। श्रद्धालु भगवन के दर्शन और पूजा अर्चना करने के बाद मेले में खरीदारी का लुत्फ भी उठाते हैं।

कंसुआ निवासी रिंकेश अग्रवाल मंदिर में व्यवस्था बनाये रखने में प्रति वर्ष सेवाएं देते है।
