करवा चौथ स्पेशल: करवा चौथ ना हुई, जंग की तैयारी हो गई

पति बेचारा फिर झांसे में आ गया, जुटा पड़ा है खरीददारी में, साड़ी, मैचिंग, चूड़ी, मेंहदी, गिफ्ट, मनोरंजन और ना जाने क्या क्या। पर फिर भी उसके पेट में गुड़गुड़ाहट मच रही, हमसे बोला कि, साब एक बात बताओ करवा चौथ में ऐसो कहा स्पेशल है, सो कमजोरी आ जाए, और भी तो व्रत होएं उनमें तो ऐसा नहीं होय।

indian traditional festival happy karwa chauth background
Indian traditional festival happy karwa chauth background

-मनु वाशिष्ठ-

manu vashishth
मनु वशिष्ठ

करवा चौथ तो पहले भी मनाया जाता था, लेकिन आजकल की तैयारियां देख कर लगता है करवा चौथ ना हुई, जंग की तैयारी हो गई। एक सप्ताह पहले सारे टीवी चैनल, मीडिया, अखबार विशेषांकों से भरे हुए थे। ऐसा लगता है मानो बहुत बड़ी विपदा आने वाली है, और इस संकट से ये बेचारी औरतें ही निपट सकती हैं। दो तीन वर्ष पूर्व एक टीवी प्रोग्राम में देख रही थी, एंकर ने एक महिला से पूछा आपने व्रत किया है, उसके मुंह से निकल गया, नहीं व्रत तो नहीं किया पर सजने संवरने का शौक है। ठीक है, पर फिर इतना हल्ला गुल्ला क्यों। एक अखबार में उनके ( पत्नियों के) मनोरंजन के लिए कई प्रकार के गेम बताए गए, जैसे पति अपनी पत्नी की तरह सजे और पत्नि पति की तरह। अबे! ये कौन सा मनोरंजन का तरीका है, और जो उन्हें दिखेगा सो कर लेंगे। डाइटिशियन, भिन्न भिन्न तरह के नुस्खेबाजों के, अपने अलग ज्ञान, ये खाओ वो खाओ, पूरी नींद लो और भी बहुत कुछ। सुबह सरगी में केवल फल, मिठाई या चाय दूध ना लें, नहीं तो पहले एनर्जी महसूस होगी लेकिन बाद में कमजोरी, इसलिए साथ में प्रोटीन डाइट वाला फुल खाना अवश्य लें। पता नहीं इतनी कमजोरी तो पूर्णिमा, नवरात्रि, सावन, तीज, सकट चौथ, और तो और चार दिन बाद पड़ने वाली अहोई अष्टमी के व्रत में भी कमजोरी नहीं होती जितनी करवा चौथ व्रत में होती है। ऐसा लगता है, पूरा देश स्त्रियों के स्वास्थ्य की चिंता में व्यस्त है, और स्त्रियां पुरुषों के जीवन रक्षा उपचार में इसे मुद्दा बनाकर, कोई रैली आयोजित कर दें। वैसे भी स्त्रियों पर ज्यादा फोकस कर रही हैं, कि मोदी जी को तो चिंता है नहीं, उन्हें क्या पता महिलाओं बारे में, हमारी पार्टी इस बावत सोच रही है। अब ऐसे संकट ग्रस्त माहौल में पड़ौसिन के पति ने पूछ लिया, अबे ऐसे कौन रखता है व्रत? सवेरे-सवेरे इतना चेप कर काहे का व्रत। हमारी अम्मा ने तो ऐसा कभी ना करा, उन्ने तो कभी सरगी फरगी भी ना करी, उस दिन सफाई पुताई और करतीं सो अलग, कि खाने पे ध्यान नहीं जाएगा। तब से पड़ौसिन मुंह फुलाए घूम रही है, कह रही थी हमें क्या, हम तो इन्हीं के काजे कर रहे हते। इनकी अम्मा ने ढंग से व्रत नहीं करा तो देख लेओ, पप्पा जी आए दिन बीमार धरे रहते हैं, मधुमेह हो गया सो अलग। ऐसी त्यागमयी, बात सुनकर स्वयं पर बड़ी ग्लानि महसूस हुई। कहीं ऐसा ना हो पत्नी व्रत तोड़ दे और हमारा राम नाम सत्य… फोटो पर हार चढ़ जाए। राम राम राम पत्नी के बारे में हम क्या अनर्गल सोच रहे हैं ये हमारे लिए इतना चिंतित है और हम हैं कि … धिक्कार है हम पर। पति बेचारा फिर झांसे में आ गया, जुटा पड़ा है खरीददारी में, साड़ी, मैचिंग, चूड़ी, मेंहदी, गिफ्ट, मनोरंजन और ना जाने क्या क्या। पर फिर भी उसके पेट में गुड़गुड़ाहट मच रही, हमसे बोला कि, साब एक बात बताओ करवा चौथ में ऐसो कहा स्पेशल है, सो कमजोरी आ जाए, और भी तो व्रत होएं उनमें तो ऐसा नहीं होय। तब से हम भी चिंतन में हैं, आपके पास कोई उत्तर हो तो बताइएगा जरुर।

__ मनु वाशिष्ठ, कोटा जंक्शन राजस्थान

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Neelam
Neelam
2 years ago

बहुत सुंदर और मजेदार शैली में लिखा गया लेख।सच है आम जीवन में तो सरगी ,चलनी इन सब का चलन ही नहीं है। मीडिया और मोबाइल जगत में धूमहै।

Manu Vashistha
Manu Vashistha
Reply to  Neelam
2 years ago

धन्यवाद नीलम जी ???????? आजकल दिखावे पर ज्यादा ध्यान देते हैं काम पर नहीं।