कोटा। गीता सत्संग आश्रम समिति के तत्वावधान में 62 वें गीता जयंती महोत्सव के क्रम में गुरूवार सायं आयोजित भव्य रासलीला में भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की तथा नंद आ कर राधा रानी से श्याम सगाई के दृश्य ने श्रोताओं का मन मोह लिया।
रासलीला के संचालक छोटे ठाकुर हरिबल्लभ शर्मा के दादा श्री मेघश्याम जी द्वारा रचित“ आज मेरे अंगना में आओ नंद लाल,दर्शन की प्यासी सुनरिया श्याम“ आदि भक्ति नृत्यों पर श्रोतागण मुग्ध हो गए। इसी प्रकार आव रे कन्हैया तेरी गोकुल नगरी,बड़ी दूर आदि भजनों पर श्रोतागण भाव विभोर हो गए। छोटे ठाकुर ने बताया कि श्रीकृष्ण की माखन चोर की लीला में वह अनेकों पापों की चोरी करते है।बृजवासियों से भगवान का बहुत प्यार है। राधा रानी कृष्ण के रूप् पर मोहित हो कर उन्हें यशोदा जी से नंदगांव बुलाने की प्रार्थना करती है। राधा की मां कीर्ति मैया तथा यशोदा मैया राधा जी की गोद भरते हुए श्याम सगाई की मनोहारी लीला प्रदर्शित करतीं है उसे देख दर्शक मंत्र मुग्ध हो जाते है। बड़ी संख्या में श्रोतागण लीला का आनंद ले रहे है।
– आधुनिक शिक्षा में ज्ञान का अभावः चित्तहरिदास जी
ग्ीता सत्संग आश्रम समिति के तत्वावधान में आयोजित गीता महोत्सव के दूसरे दिन इस्कोन मंदिर उज्जैन के संचालक चित्तहरिदास महाराज ने कहा कि भगवत गीता ज्ञान का भण्डार है। जिस प्रकार अर्जुन युद्ध के मोर्चे पर गीता ज्ञान प्राप्त करते है। उसी प्रकार हम भी जीवन के हर मोर्चे पर युद्धरत होते है। आधुनिक शिक्षा ज्ञान नहीं देती। गीता हमें कर्म करने का ज्ञान देती है। उन्होंने गीता के श्लोकों को उद्घृत कर उनकी प्रसंगवश व्याख्या की। कृष्ण ने योग का मलब आत्मा को परमात्मा से जोड़ना बताया है।गीता स्वार्थ को छोड़ कर उच्च आदर्शों के लिए जीने की बात करती है। भगवान के निकट रहोगे तभी उनकी बात समझ सकतेे हो। इस अवसर पर बल्ल्भ कुल गोस्वामी महाराज विनय कुमार जी ने बताया कि भगवान के उपदेशों में संपूर्ण ब्रह्माण्ड समाया है। गीता का प्रादुर्भाव कैसे हुआ,कृष्ण का विराट स्वरूप को समझने की आवश्कता है। गीता ज्ञान से ही संसार रूपी अंधकार से निकल सकते है।
स्मिति के अध्यक्ष राजेंद्र खण्डेलवाल एवं कार्यक्रम संयोजक भगवती प्रसाद मोरपा वाले ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 1.30 बजे से मोटिवेशनल गुरू हैवी वाटरबोर्ड भारत सरकार के पूर्व अध्यक्ष एएन वर्मा तथा टेक्नीकल एजुकेशन काउंसिल के पूर्व प्रबंध निर्देशक पीएम भारद्वाज का व्याख्यान होगा। समिति के महामंत्री रामेश्वर प्रसाद विजय, गिरिराज गुप्ता, कृष्णावतार गुप्ता,प्रबंधक गिरीश ओझा ने संतों, विद्वानों का स्वागत किया।