
-रंजना प्रकाश-

जब कुछ नहीं था तब ॐ था, जब कुछ न होगा तब भी ॐ होगा
जब सृष्टि का निर्माण हुआ तो ॐ सर्वत्र निनादित था ॐ सर्व व्यापी, अनादि, अनंत और कालातीत है सकल सृष्टि में समाहित पंच तत्वों में ॐ व्याप्त है
ॐ अ + उ + म से निर्मित है
ॐ ही शिव और शिव ही ॐ है
विज्ञान स्वीकारता है कि ॐ का उच्चारण हमारे समस्त स्नायु तंत्र को शुद्ध और ऊर्जावान बनाता है ॐ का उच्चारण नियमित किया जाए तो अनेक आसाध्य व्याधियों से बचाव होता है
इसका उच्चारण कीट नाशक तथा रोग प्रतिरोधक होता है
सुख, शांति, ऊर्जा और आरोग्य का मूल मंत्र है ॐ
अब तो विदेशों में इसकी ऊर्जा को बहुलता पूर्वक स्वीकारा जा रहा है
हमारे सनातन धर्म की कुंजी है ॐ
ये मात्र शब्द नहीं सुखद तरंगों का खजाना है
जब मन व्यथित हो, चित्त अशांत हो तो किसी एकान्त स्थल में श्रद्धा पूर्वक ॐ को निनादित करें, आप स्वयं ही अनुभव करेंगे एक असीम आनंद की अनुभूति को
ये कोई कपोल कल्पना नहीं यथार्थ है
मेरे अनुभव का हिस्सा है
अद्भुत क्षमता है इस एकाक्षर में
चुंकि हम इसे अपने आराध्य शिव से इसे संबद्ध करते हैं तो लोगों में भ्रानतियाँ फैल गईं है के ॐ केवल हिन्दुओं का है
परन्तु ये मिथ्या है, ॐ सर्वव्यापी है
ज़रा से परिवर्तन के साथ ये सब में समाहित है जैसे….
अंग्रेजी में एक शब्द है… ओमनीशियंस
जिसका अर्थ है… अनंत ज्ञान
क्या ॐ का यही भाव नहीं है?
ओमनीटेंट…. अनंत शक्तियाँ हो जिसमें
यही ॐ में है
आमेन… भविष्य सूचक
ईसाइयों में आमेन ॐ से उपजा लगता है
इस्लाम का आमीन ॐ ही तो है
इन सभी शब्दों का भाव ॐ की और ही इंगित करता दीख पड़ता है
अनंत शक्ति संम्पन्न, आत्म सात करने की क्षमता से युक्त, त्रिकाल दर्शी, मंगल मय, सर्व मंगल की कामना से युक्त जो है वही ॐ है
किसी भी जाति, धर्म, वर्ग और लिंग से परे है ॐ
जिसने इसे धारण किया वो निर्भय हो गया
सुख शांति की प्राप्ति की पहली शर्त है निर्भयता
जीवन की विसंगतियों से जूझने की क्षमता प्रदान करता है ॐ
संसार सागर को पार करने वाली पतवार है ॐ
धार्मिक मतभेदों को भूल ॐ को धारण करें, निः संकोच
जीवन को सुगम, सुखद, सार्थक और निरोग बनाता है ॐ
ॐ को बीज मंत्र बनाएं और फिर स्वयं देखें अंतरजगत में होने वाले चमत्कारिक और अद्भुत परिवर्तनों को
धारणीय है ॐ….. धारण करें
ॐ नमः शिवाय ????
रंजना प्रकाश बिलासपुर छ. ग.