वट सावित्री व्रत

img 20240605 wa0027
photo social media
-राजेन्द्र गुप्ता-
rajendra gupta
राजेन्द्र गुप्ता
वट सावित्री व्रत आज, जानें पूजा-विधि, मुहूर्त
*************************
वट सावित्री व्रत इस बार 6 जून, बृहस्पतिवार को रखा जाएगा. हिंदू परंपरा में स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए तमाम व्रत का पालन करती हैं. वट सावित्री व्रत भी सौभाग्य प्राप्ति का एक बड़ा व्रत है. ये व्रत ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. अब जानते हैं वट सावित्री व्रत की सामग्री के बारे में.
वट सावित्री व्रत की आवश्यक सामग्री
=====================
वट सावित्री की पूजा वट वृक्ष के नीचे की जाती है. वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए अपने आस-पास एक वट वृक्ष ढूंढ लें. इस पूजा की अन्य जरूरी सामग्री है- बरगद का फल, सावित्री और सत्यवान की मूर्ति या तस्वीर, भिगोया हुआ काला चना, कलावा, सफेद कच्चा सूत, रक्षासूत्र, बांस का पंखा, सवा मीटर का कपड़ा, लाल और पीले फूल, मिठाई, बताशा, फल, धूप, दीपक, अगरबत्ती, मिट्टी का दीया, सिंदूर, अक्षत, रोली, सवा मीटर का कपड़ा, पान का पत्ता, सुपारी, नारियल, श्रृंगार सामग्री, जल कलश, पूजा की थाली, वट सावित्री व्रत कथा की पुस्तक आदि.
वट सावित्री व्रत पूजन विधि
—————
वट वृक्ष के नीचे सावित्री सत्यवान और यमराज की मूर्ति स्थापित करें. आप चाहें तो इनकी पूजा मानसिक रूप से भी कर सकते हैं. वट वृक्ष की जड़ में जल डालें, फूल-धूप और मिठाई से पूजा करें. कच्चा सूत लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा करते जाएं, सूत तने में लपेटते जाएं. उसके बाद 7 बार परिक्रमा करें, हाथ में भीगा चना लेकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनें. फिर भीगा चना, कुछ धन और वस्त्र अपनी सास को देकर उनका आशीर्वाद लें. वट वृक्ष की कोंपल खाकर उपवास समाप्त करें.
इस व्रत में क्यों होती है बरगद की पूजा 
———————-
वट वृक्ष (बरगद) एक देव वृक्ष माना जाता है. ब्रह्मा, विष्णु, महेश और ,सावित्री भी वट वृक्ष में रहते हैं. प्रलय के अंत में श्री कृष्ण भी इसी वृक्ष के पत्ते पर प्रकट हुए थे. तुलसीदास ने वट वृक्ष को तीर्थराज का छत्र कहा है. ये वृक्ष न केवल अत्यंत पवित्र है बल्कि काफी ज्यादा दीर्घायु वाला भी है. लंबी आयु, शक्ति, धार्मिक महत्व को ध्यान में रखकर इस वृक्ष की पूजा होती है. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस वृक्ष को ज्यादा महत्व दिया गया है.
क्या करें विशेष?
———
एक बरगद का पौधा जरूर लगवाएं. बरगद का पौधा लगाने से पारिवारिक और आर्थिक समस्या नहीं होगी. निर्धन सौभाग्यवती महिला को सुहाग की सामग्री का दान करें. बरगद की जड़ को पीले कपड़े में लपेटकर अपने पास रखें.
वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त 
—————
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून को रात 7 बजकर 54 मिनट पर होगी और समापन 6 जून को शाम 6 बजकर 07 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार वट सावित्री का व्रत 6 जून को ही रखा जाएगा.
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175
Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments