कोटा। गीता सत्संग आश्रम समिति के तत्वावधान में मंगलवार सायं भव्य रासलीला से 5 दिवसीय महोत्सव का शुभारम्भ हो गया।
मथुरा के स्वामी हरिबल्लभ शर्मा के निर्देशन में श्रीमद् भागवत गीता जन्म से शुरू की गई जिसमें समय को केंद्र में रखा गया। भजन“ कोई लाख करे चतुराई समय के फेर मिटे नहीं रे भाई ,कोई समझो इसकी सच्चाई समय का फेर मिटे नहीं रे भाई “ पर दर्शकगण मंत्र मुग्ध हो गए। रास लीला में 28- 30 पुरूष कलाकार भाग ले रहे है। शर्मा रास लीला के मर्मज्ञ स्वामी राम रूवरूप पद्मश्री के पुत्र है। 16 पीढ़ी से लगातार ये परिवार रास लीला कर रहे है। शर्मा ने बताया कि राधा और कृष्ण स्त्री पुरूष भाव नहीं हैं, राधा अल्हादनी शक्ति है। एक ही प्राण और एक ही स्वरूप है।
2 दिसम्बर को रासलीला के दौरान 56 भोग और गिर्राज पूजन की भव्य लीला होगी जो कि इस रासलीला का विशेष आकर्षण होगा। गीता भवन सत्संग समिति के अध्यक्ष राजेंद्र खण्डेलवाल, महामंत्री रामेश्वर प्रसाद विजय, सह मंत्री महेंद्र मित्तल व अन्य पदाधिकारियों ने रास लीला के निर्देशक स्वामी हरि बल्लभ शर्मा व उनकी टीम का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
खण्डेलवाल ने बताया कि 30 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक 62 वां गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है।
महोत्सव के क्रम में ही अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त कृष्णकांत द्विवेदी,बल्लभ कुल के गोस्वामी विनय कुमार महाराज,महामण्डलेश्वर हेमा सरस्वती,चित्त हरिदास महाराज उज्जैन, मायापुरीवासी दास महाराज इस्कोन मंदिर कोटा,संकर्षणप्रिय दास महाराज इस्कोन बीकानेर,एएन वर्मा पूर्व अध्यक्ष हेवीवाटर बोर्ड,मोटिवेशनल गुरू पीएम भारद्वाज आदि गीता के विद्वानों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। रास लीला से महोत्सव का आगाज हो गया है।
समय का फेर मिटे न रे भाई, कोई लाख करे चतुराई
गीता जयंती महोत्सव पर भव्य रासलीला प्रारम्भ
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