
– मंत्री के निर्देश पर एनएमएम ने शुरू की संस्थान की बंद सहायता
-सावन कुमार टांक-

कोटा। केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल रविवार को अकलंक पांडुलिपि शोध संस्थान पहुंचे जहां उन्होंने किए जा रहे कार्य की जानकारी ली और कॉविड के बाद से विभाग द्वारा बंद की गई सहायता को भी चालू करवाया। मंत्री मेघवाल ने कहा कि जितने भी शास्त्र और ग्रंथ हैं उन्हें सहेजने का काम राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के माध्यम से किया जा रहा है। अकलंक शोध संस्थान की निदेशक डॉक्टर संस्कृति जैन ने मंत्री मेघवाल को यहां की कार्यप्रणाली से अवगत करवाते हुए कहा कि संस्थान वर्ष 2009 से कार्यरत हैं लेकिन कोरोना समय के बाद से संस्थान को विभाग से मिलने वाली सहायता बंद होने की समस्या बताई। प्रयोगशाला का पूर्ण निरीक्षण करने के बाद मंत्री मेघवाल ने नेशनल मेनू स्क्रिप्ट मिशन के HOD से दूरभाष पर बात कर अकलंक शोध संस्थान की सहायता को बंद किस कारण किया गया जानकारी ली तथा संस्थान के पास एमसीसी तथा एमआरसी होने पर विभागीय सहायता तुरंत चालू करने की बात कही।
संस्थान के सदस्यों ने बताया कि वर्तमान में 10 से 15 पेज प्रतिदिन काम किया जा रहा है सहायता मिली तो कार्य 4 गुना करने की बात उन्होंने कहीं साथ ही स्टाफ की कमी की बात भी कही। मंत्री मेघवाल ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि आप जितना काम करोगे उतना सपोर्ट मिलेगा साथ ही विभाग के एचओडी को दूरभाष पर ही निर्देशित किया कि जितना बजट चाहिए मेरे से ले लेना ऐसी संस्थाओं को प्रमोट करना ही हमारा उद्देश्य है. मंत्री मेघवाल अकलंक शोध संस्थान में हो रहे काम से काफी प्रभावित हुए। साथ ही यहां के प्रकाशनों को भी देखा।
भाषा पर भी हुई विस्तृत चर्चा
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मंत्री मेघवाल ने संस्थान के सदस्यों के साथ भाषा पर विस्तृत चर्चा की। सदस्यों ने भी अपने विचार प्रकट किए साथ ही मेडिकल इंजीनियरिंग के साथ कई डिपार्टमेंट मैं आज भी अंग्रेजी को महत्व देने जिस कारण कई प्रतिभाओं के पिछड़ने की बात की गई। मंत्री मेघवाल ने भी स्वीकार किया तथा कहा कि बहुत अच्छी बात है कि मध्य प्रदेश सरकार ने मेडिकल में हिंदी को महत्व दिया है।
इन्हें तो हमारे मंत्रालय में होना चाहिए
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अकलंक शोध संस्थान की निदेशक डॉ संस्कृति के सानिध्य में अच्छा काम होने पर खुशी जताते हुए कहा कि डॉक्टर संस्कृति को तो हमारे संस्कृति मंत्रालय में होना चाहिए इनका तो नाम ही संस्कृति है.
समय से 45 मिनट पूर्व पहुंचे मंत्री
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शायद ही यह पहला मौका था कि कोई मंत्री अपने निर्धारित समय से पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा हो अकलंक शोध संस्थान मैं मंत्री मेघवाल को सायं 5:00 बजे पहुंचना था लेकिन वह अपने तय समय से करीब 45 मिनट पूर्व ही शोध संस्थान में पहुंच चुके थे। सभी सदस्यों ने भी समय से पूर्व आने पर उनकी काफी तारीफ की साथ ही मंत्री मेघवाल ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि जल्दी आने के लिए माफी तो नहीं मांगनी पड़ेगी।
मंत्री के लौटने से पूर्व हो गया समस्या का समाधान
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केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नेशनल मेनू स्क्रिप्ट मिशन के एचओडी को निर्देशित करते हुए कहा कि रीजन कोई भी हो अकलंक शोध संस्थान की सहायता चालू होनी चाहिए विभाग की ओर से दिए गए स्टेटस एमसीसी और एमआरसी भी संस्थान के पास है मंत्री मेघवाल संस्थान से रवाना होते उससे पहले ही नेशनल मेनू स्क्रिप्ट मिशन के एचओडी ने अकलंक शोध संस्थान की निदेशक डॉक्टर संस्कृति जैन को दूरभाष पर अवगत करवाया की विभाग द्वारा बंद की गई सहायता शुरू कर दी गई है. इस पर सभी सदस्यों नेम मंत्री मेघवाल का आभार जताया।