रटलाई के नवसृजित संस्कृत कालेज के विकास के लिए भामाशाह आगे आये

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कोटा। झालावाड के रटलाई कस्बे में नवसृजित राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय का निरिक्षण करने निदेशालय संस्कृत शिक्षा जयपुर से निरीक्षण दल मंगलवार को कालेज पहुंचा। इसी सत्र से प्रारम्भ हुआ यह संस्कृत कालेज फिलहाल वरिष्ठ उपाध्याय (सीनियर स्कूल) में संचालित किया जा रहा है। निरीक्षण दल में संयुक्त निदेशक प्रो. शालिनी सक्सेना, डा. इंद्रा खत्री तथा संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी गंगाधर मीना शामिल थे। विभागीय दल का स्वागत व सम्मान क्षेत्र के जनप्रतिनिधि कैलाश पालीवाल, रईस खान, दुलीचंद माली तथा छगन सिंह गुर्जर द्वारा शाल ओढा कर किया गया। पूर्व सरपंच छगन सिंह गुर्जर ने प्राचार्य कक्ष के लिए 50 हज़ार का फर्नीचर शीघ्र उपलब्ध कराने की घोषणा की और कहा कि छात्र छात्राओं के लिए स्टूल टेबल की व्यवस्था भामाशाह एवं पंचायत द्वारा उपलब्ध करा दी जाएगी। महाविद्यालय की छात्राओं ने छात्रा शौचालय की समुचित व्यवस्था की मांग की जिसपर उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने शीघ्र व्यवस्था करवाने का आश्वासन दिया। संयुक्त निदेशक प्रो. शालिनी सक्सेना ने बताया कि 10 अगस्त के बाद कालेज को विद्या सम्बल योजना के अंतर्गत शिक्षण कार्य हेतु प्रोफ़ेसर उपलब्ध करवा दिए जायेंगे। उन्होंने कालेज के लिए साम्बलपुरा रोड पर प्रस्तावित भूमि का भी निरीक्षण किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अवधेश कुमार मिश्र ने बताया कि संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों के साथ मिलकर व्यापक जनसंपर्क किया गया तथा अब तक 118 छात्र छात्राओं को प्रवेश दिया जा चुका है। कालेज में संस्कृत साहित्य तथा संस्कृत व्याकरण विषयों में कुल 160 सीटें हैं तथा ऑफलाइन प्रवेश दिया जा रहा है. अंत में कालेज प्राचार्य तथा वरिष्ठ उपाध्याय के प्राचार्य राजेश कुमार जैन सभी भामाशाहों, जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया.

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