राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में एनएसएस शिविर का आयोजन

डॉ. विवेक कुमार मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना हमारी आदर्श आचार संहिता है। हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों पर भी ध्यान देना चाहिए। अपने मताधिकार का प्रयोग कर भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहिए क्योंकि भारतीय लोकतंत्र में चाहे अंबानी का मत हो चाहे एक आम नागरिक का मत हो, उनके मत का मूल्य बिल्कुल समान होता है

seva yojana

कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय, कोटा की राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में द्वितीय एकदिवसीय शिविर का आयोजन महाविद्यालय के शताब्दी भवन-तृतीय में किया गया। शिविर के प्रारंभ में चारों इकाइयों के स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर के विभिन्न स्थलों पर श्रमदान कर साफ सफाई की। उसके बाद संविधान दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों में जागरूकता लाने के लिए एक व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कल्पना बोहरा द्वारा की गई। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में डॉ. गुलाम रसूल खान, सह आचार्य, राजनीति विज्ञान, डॉ. विवेक कुमार मिश्र, जिला समन्वयक, एनएसएस, कोटा , डॉ लड्डू लाल मीणा, सह आचार्य, हिंदी तथा डॉ. जया शर्मा, समन्वयक, महाविद्यालय मतदाता जागरूकता प्रकोष्ठ मंचासीन रहे। इसके अलावा स्वयंसेवकों के मतदाता के रूप में तत्काल पंजीकरण हेतु श्री उमेश जी मंचासीन रहे। प्राचार्य महोदया ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि संविधान में उल्लिखित विधि-नियमों की पालना करें। साथ संविधान की पालना हेतु सामूहिक शपथ दिलवाई। डॉ. गुलाम रसूल खान ने स्वयंसेवकों को भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों, नीति निर्देशक तत्वों तथा प्रस्तावना में उल्लेखित एक-एक शब्द की विस्तृत व्याख्या कर स्वयंसेवकों को समझाया। डॉ. विवेक कुमार मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना हमारी आदर्श आचार संहिता है। हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों पर भी ध्यान देना चाहिए। अपने मताधिकार का प्रयोग कर भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहिए क्योंकि भारतीय लोकतंत्र में चाहे अंबानी का मत हो चाहे एक आम नागरिक का मत हो, उनके मत का मूल्य बिल्कुल समान होता है। अतः हमें स्वयं को कभी कम नहीं आंकना चाहिए। डॉ. लड्डू लाल मीणा ने बताया कि विद्यार्थी जीवन राजनीति की प्रथम पाठशाला होती है, इसलिए हमें संविधान में उल्लिखित तत्वों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। डॉ. जया शर्मा ने विद्यार्थियों को मतदाता के रूप में आनलाइन पंजीकरण करने की प्रक्रिया एवं आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी। श्री उमेश जी द्वारा लगभग 50 स्वयंसेवकों का मतदाता के रूप में तत्काल पंजीकरण किया। इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की स्मृति में संविधान दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता जिसका विषय “राष्ट्र की एकता एवं अखंडता में डॉ. अंबेडकर का योगदान” का आयोजन किया गया, जिसमें 07 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रामावतार मेघवाल तथा डॉ. रसीला द्वारा किया गया । कार्यक्रम के अंत में डॉ. समय सिंह मीना द्वारा मंचासीन अतिथियों तथा उपस्थित स्वयंसेवकों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया । अल्पाहार एवं अन्य समस्त व्यवस्था डॉ. चंचल गर्ग द्वारा संभाली गई। इस अवसर पर संकाय सदस्यों में डॉ. प्रेमिला श्रीवास्तव, डॉ. नीलम गोयनका, डॉ. रविदत्त शर्मा आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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