संकाय विकास कार्यक्रम शिक्षकों के कौशल विकास के उन्नत मंच

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-आरटीयू में पांच दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

-दुष्यंत सिंह गहलोत-

कोटा। आरटीयू कोटा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में 5 दिवसीय फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का उद््घाटन किया गया। स. जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि कार्यक्रम का टॉपिक मेटलेब एप्लीकेशंस इन इंजीनियरिंग है। एनआइटीटीटीआर चंडीगढ़ एवं आरटीयू कोटा के विषय विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे। कार्यक्रम में लगभग 100 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रोफेसर एस के सिंह कुलपति आरटीयू कोटा मुख्य अतिथि तथा प्रोफेसर ए के द्विवेदी डीन फैकल्टी अफेयर्स ने विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत की। मुख्य वक्ता के तौर पर एनआइटीटीटीआर चंडीगढ़ के प्रो.एस एस धामी उपस्थित रहे।

कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षकों के प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया गया हैं। एफडीपी शिक्षकों के कौशल तंत्र को मजबूत करता है वहीं उनके मनोबल और उत्साह में वृद्धि भी करता है। नई शिक्षा नीति शिक्षाविदों की महत्वाकांक्षाओं के अनुकूल है, जो पुराने शिक्षा तंत्र को रूपांतरित कर हमें और अधिक उन्नत बनायेगी। शिक्षक प्रतिभाओं और संसाधनों से परिपूर्ण हैं, इसका उपयोग करने के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है, जो केवल अच्छे शिक्षा तंत्र से ही प्राप्त हो सकता है।

शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार किया जा सकता हैं। शिक्षण और मूल्यांकन विधियों में नई अवधारणाओं के बारे में शिक्षकों को संवेदनशील बनाना, सक्षम, प्रभावी शोधकर्ता की भूमिका निभाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल विकसित करना,आधुनिक सूचना और अनुसंधान पद्धति उपकरणों का उपयोग करके ज्ञान को अद्यतन करने के दृष्टिकोण से समय-समय पर संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जाना आवश्यक है। संकाय सदस्यों को शिक्षण के लिए आधुनिक शिक्षा तकनीक का लाभ उठाने में सक्षम बनाया जाना आवश्यक हैं। इंजीनियरिंग शिक्षा में शिक्षक विकास कार्यशालाओं का जो यह आयोजन किया जा रहा है, जो आवश्यक बुनियादी ढांचे प्रशिक्षित जनशक्ति के साथ तकनीकी शिक्षा के शिक्षकों और विद्यार्थियों को और अधिक सशक्त बनायेगी।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आनंद किशोर चतुर्वेदी ने बताया कि मेटलेब (मैट्रिक्स लैबोरेटरी का एक संक्षिप्त नाम) मैथवर्क्स द्वारा विकसित एक मालिकाना बहु-प्रतिमान प्रोग्रामिंग भाषा और संख्यात्मक कंप्यूटिंग वातावरण है। मेटलेब मैट्रिक्स हेरफेर, कार्यों और एल्गोरिदम के कार्यान्वयन, उपयोगकर्ता इंटरफेस के निर्माण और अन्य भाषाओं में लिखे गए कार्यक्रमों के साथ इंटरफेसिंग की अनुमति देता है। हालांकि मेटलेब मुख्य रूप से संख्यात्मक कंप्यूटिंग के लिए अभिप्रेत है, एक वैकल्पिक टूलबॉक्स एमयूपीएडी प्रतीकात्मक इंजन का उपयोग करता है जो प्रतीकात्मक कंप्यूटिंग क्षमताओं तक पहुंच की अनुमति देता है। एक अतिरिक्त पैकेज, सिमुलिंक, गतिशील और एम्बेडेड सिस्टम के लिए ग्राफिकल मल्टी-डोमेन सिमुलेशन और मॉडल-आधारित डिज़ाइन जोड़ता है ।
वर्ष 2020 तक, मेटलेब के दुनिया भर में 4 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं। वे इंजीनियरिंग , विज्ञान और अर्थशास्त्र की विभिन्न पृष्ठभूमियों से आते हैं।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ बी डी गिदवानी ने बताया कि कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों के अतिरिक्त छात्र-छात्राएं भी भाग ले रहे हैं। मेटलेब साफ्टवेयर की जानकारी से छात्रों को प्लेसमेंट में अतिरिक्त लाभ मिलता है। यह सॉफ्टवेयर सभी ब्रांच के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। कार्यक्रम में डीन फैकेल्टी अफेयर्स प्रोफेसर एके द्विवेदी, डीन इंजीनियरिंग प्रोफेसर एस के राठौड़, प्रोफ़ेसर ए के चतुर्वेदी, प्रोफेसर मिथिलेश कुमार, प्रोफेसर डी के पलवलिया, डॉ हरीश शर्मा, डॉक्टर बृजेश त्रिपाठी, डॉ. संजू तंवर, अन्य संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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