-कृष्ण बलदेव हाडा-

राजस्थान की कथित रूप से कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा के विज्ञान नगर इलाके में एक छात्र की संदिग्ध मौत के मामले को सिख समुदाय के गंभीरता से लिए जाने के बाद यह मामला अब तूल पकड़ने जा रहे हैं और सिख समुदाय ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का फैसला किया है ताकि मामले की जांच के लिए विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया जाए जिससे कोटा के कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों की संदिग्ध भूमिका का पर्दाफाश हो सके।
उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी हरजोत सिंह छाबड़ा के 18 वर्षीय पुत्र मनजोत सिंह की पिछले 3 अगस्त को कोटा के विज्ञान नगर में एक हॉस्टल में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। उस समय प्रारंभिक तौर पर होस्टल और पुलिस की ओर से यह बताया गया था कि कोचिंग छात्र ने आत्महत्या की है लेकिन जब कोचिंग छात्र का शव मिला था तो उसके मुंह पर पॉलीथिन की थैली लिपटी हुई थी और दोनों हाथ पीछे रस्सी से बंधे हुए थे। हालांकि कोचिंग छात्र के कक्ष की दीवार पर तीन कागज चस्पा किए हुए मिले जिसमें यह कहा गया था कि वह अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा है इसलिए किसी को परेशानी किया जाए लेकिन इन कागजों पर लिखी इबारत उस समय ही संदेह के घेरे में आ गई थी जब मृतक छात्र मनजोत सिंह के पिता हरजोत सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह उनके पुत्र की लिखावट है ही नहीं। छात्र मनजोत सिंह करीब चार महीने पहले ही कोचिंग के लिए कोटा आया था और उसने एक निजी कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने के बाद विज्ञान नगर के एक बहुमंजिला हॉस्टल में रहना शुरू किया था। वो पढ़ाई-लिखाई रूप में सामान्य था। उसके टेस्ट में अच्छे नंबर भी आए थे इसलिए तनाव जैसी कोई बात नहीं थी।
मृतक छात्र मनजोत सिंह के पिता हरजोत सिंह ने इसी पर सवाल किया है कि जब उनका पुत्र तनाव में ही नहीं था तो उसने आत्महत्या कैसे कर सकता है? जिस समय मृत छात्र के शव का पोस्टमार्टम किया जाना था, उस समय ही हरजोत सिंह के आग्रह पर कोटा के सिख समुदाय के लोग पोस्टमार्टम कक्ष के साथ समक्ष इकट्ठा हो गए और अंततः उनके दबाव में पुलिस को ना केवल मेडिकल बोर्ड से मृतक छात्र के शव का पोस्टमार्टम करना पड़ा बल्कि आत्महत्या की जगह हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अपने पुत्र मनजोत सिंह छाबड़ा (18) की मृत्यु के बाद की सामाजिक तमाम सारी सामाजिक रीति-रिवाजों को पूरा करने के बाद पिता हरजोत सिंह अब वापस कोटा पहुंच गए हैं। उन्होंने सिख समुदाय से संपर्क किया जिसके पास आज बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग भी विज्ञान नगर थाना पहुंच गए तो सूचना मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक धर्मवीर सिंह अतिरिक्त पुलिस बल के साथ विज्ञान नगर थाने पहुंचे। इसके अलावा सिख समुदाय के आक्रोश को देखते हुए उस हॉस्टल के आसपास राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल के जवान तैनात किए गए जहां छात्र मनजोत सिंह छाबड़ा की संदिग्ध अवस्था में मौत हुई थी।
छात्र के पिता हरजोत सिंह और सिख समुदाय के लोगों ने अधिकारियों से इस प्रकरण की विशेष पुलिस जांच दल से जांच करवाए जाने की मांग की और कहा कि इसकी सामान्य हत्या के केस की तरह जांच नहीं की जानी चाहिए बल्कि केवल इसी मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए और त्वरित जांच कर इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
हरजोत सिंह ने विज्ञान नगर थाने के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए स्पष्ट रूप से उनके पुत्र की मौत के मामले में हॉस्टल के स्टाफ की संदिग्ध भूमिका पर सवाल खड़े किए और कहा कि मनजोत सिंह की मौत ने कई। अनुत्तरित सवाल खड़े किए हैं। जब उसके मुंह पर पॉलिथीन की थैली लिपटी हुई थी और हाथ पीछे रस्सी से बंधे हुए थे तो वह आत्महत्या कैसे कर सकता था। इसके अलावा वह कभी अकेला नहीं सोता था। वह हॉस्टल में रहने वाले अपने साथी लक्ष्य के साथ या तो उसके कक्ष में सोता था या लक्ष्य मनजोत सिंह के कक्ष में आकर सोता था तब 3 अगस्त की रात को ही मनजोत अकेला कैसे सोया और उसके बाद सुबह उसका शव ही मिल पाया। इसलिए इन सभी अनुत्तरित और मनजोत की संदिग्ध मौत की जांच के लिए एसआईटी का गठन आवश्यक है। वे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने जयपुर जा रहे हैं और वहां उनके सामने व्यक्तिगत रूप से इस मसले को रखेंगे और जांच करवाने की मांग करेंगे ताकि कोटा में कोचिंग छात्रों की मौत के मामले में वास्तविक स्थिति सामने आ सके।
उधर पुलिस उप अधीक्षक धर्मवीर का कहना है कि मृत छात्र मनजोत सिंह का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया था। फॉरेंसिक टीम उसके उस कक्ष का दौरा कर चुकी है जहां उसका शव बरामद हुआ था। हत्या का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। छात्र के परिवारजनों को हॉस्टल के सभी सीसीटीवी फुटेज दिखा दिए गए हैं। पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है।