-कृष्ण बलदेव हाडा –

कोटा। राजस्थान में कथित कोचिंग सिटी के रूप में पहचान होने का दावा करने वाले कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी ईह लीला समाप्त कर ली।
मिली जानकारी के अनुसार महावीर नगर थाना क्षेत्र में एक निजी मकान में पेइंग गेस्ट के रुप में रहने वाले कोचिंग छात्र वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ (18) ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली जिसका शव कल रात्रि को उसके कमरे से बरामद किया गया। मृतक छात्र वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ के शव को आज पोस्टमार्टम के बाद उसके परिवारजनों को सौंप दिया गया। उसके सेना से रिटायर्ड सूबेदार पिता दिनेश का कहना है कि 14 अगस्त को उनकी दो बार वाल्मीकि प्रसाद से बात हुई है और उसने कहीं भी तनाव जैसी किसी बात का जिक्र नहीं किया। पुलिस को उसके कमरे से मृत्यु पूर्व लिखा कोई पत्र भी बरामद नहीं हुआ है। उसकी मौत का कारण का खुलासा मंगलवार को रात उस समय हुआ जब 15 अगस्त का अवकाश होने के बावजूद वाल्मीकि प्रसाद दिन भर अपने कमरे से बाहर नहीं निकला तो संदेह होने पर उसके पास के कमरे में रहने वाले छात्र ने मकान मालिक को सूचना दी, जिनके सूचना पर पहुंची पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर भीतर प्रवेश किया तो छात्र फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला।
इस महीने के पहले नौ दिन में ही तीन कोचिंग छात्रों की मृत्यु में से एक की संदिग्ध मृत्यु जिसे हत्या में मामले के रूप में दर्ज किया गया है,सहित दो अन्य कोचिंग छात्रों के आत्महत्या करने के बाद कोटा के कोचिंग संस्थानों के संचालकों और पोस्टर के साथ हुई एक बैठक में कोटा के प्रशासन के पुलिस अधीक्षक (शहर) शरद चौधरी की ओर से मीडिया को यह सलाह दी गई थी कि वह कोचिंग छात्रों की मृत्यु के मामलों में संयम बरते हैं जबकि तथ्य यह है कि पिछले आठ महीनों में कोटा में कोचिंग के लिए 22 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं और लगातार हो रही इन आत्महत्याओं की घटनाओं को रोक पाने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है।
कोचिंग संस्थान के संचालक ऐसे मामलों में पूरी तरह से संवेदनहीन बने रहते हैं। अकसर यह भी देखा जाता है कि जिस कोचिंग संस्थान का छात्र आत्महत्या कर लेता है, उस संस्थान का कोई प्रतिनिधि मृतक छात्र के परिवार जनों को संवेदना देने के लिए पहुंचता तक नहीं है।
कोटा में राज्य के अन्य हिस्सों और अन्य राज्यों से आने वाले कोचिंग छात्र की संदिग्ध मौत या आत्महत्या करने की घटनाओं की शुरुआत जनवरी माह के पहले पखवाड़े से ही हो गई थी जब इस एक पखवाड़े में लगातार दो दिन तक दो कोचिंग छात्रों ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। 14 जनवरी को उत्तर प्रदेश के रहने वाले कोचिंग पात्र अली राजा ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली जबकि उसके अगले दिन उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज से कोचिंग करने आए छात्र रणजीत ने कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी और आत्महत्या करने से पहले एक के मृत्यु पूर्व लिखा पत्र भी छोड़ा जिसमें उसने आध्यात्मिक भाव से लेखा कि वह भगवान विष्णु का अंश है और भगवान से मिलने जा रहा है।
इसी महीने 19 जनवरी को जवाहर नगर थाना क्षेत्र में बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले कोचिंग छात्र ने अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली जिसे उसके साथी छात्रों ने समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया जिससे उसकी जान बच गई। 29 जनवरी को विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक कोचिंग छात्र उस हॉस्टल की चौथी मंजिल से कूद गया जहां वह रह रहा था जिसका बाद में एक निजी अस्पताल में इलाज किया गया। फरवरी माह में एक कोचिंग छात्रा राजस्थान के बाड़मेर जिले की रहने वाली कृष्णा (17) ने कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लैंड मार्क सिटी में एक बहुमंजिला इमारत के दसवीं माले से कूदकर अपनी जान दे दी तो 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के बदायूं के रहने वाले नीट की तैयारी कर रहे कोचिंग छात्र अभिषेक (17) ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह पिछले दो साल से लगातार कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था, लेकिन सफलता उसे नहीं मिल पा रही थी।
इसके बाद 26 अप्रैल को जवाहर नगर थाना क्षेत्र में मध्य प्रदेश के सागर की रहने वाली एक कोचिंग छात्रा राशि जैन ने मानसिक तनाव की स्थिति में अपनी जान दे दी। वह भी कोटा में नीट की तैयारी कर रही थी। एक अन्य नीट की तैयारी कर रही थी।कोचिंग छात्र बंगलुरु निवासी नासिर (22) ने 8 मई को विज्ञान नगर की एक बहुमंजिला इमारत की दसवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। 11 मई को कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लैंड मार्क इलाके में नीट की तैयारी कर रहे एक और कोचिंग छात्र 15 साल के दिनेश कुमार ने अपने हॉस्टल में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। अगले ही दिन 12 मई को बिहार के पटना निवासी नवलेश ने फांसी का फंदा लगाकर प्राण गवा दिए। वह भी नीट की तैयारी के लिए ही कोटा आया था। इसी महीने की 20 तारीख को बिहार के नालंदा के रहने वाले एक कोचिंग छात्र आर्यन (16) ने कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में फ़ांसी पर लटक कर मौत को गले लगा लिया। हालांकि उसकी आत्महत्या करने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया, लेकिन पुलिस ने कहा कि छात्र के कमरे से ऐसे नोट मिले हैं जिसमें उसने किसी लड़की का बार-बार जिक्र किया है।
जून महीने में एक के बाद एक पांच छात्रों ने आत्महत्या की या संदिग्ध हालत में मौत हुई। 7 जून को पश्चिमी बंगाल के कुरुलिया निवासी एक छात्र परितोष कोहरी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई और यह कहा गया कि साइलेंट हार्ट अटैक की वजह से उसकी जान गयी है। इसके बाद 12 जून को महाराष्ट्र के एक कोचिंग छात्र भार्गव केशव (17) ने जवाहर नगर में फांसी लगा लिया। बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले रोशन (21) ने 16 जून को महावीर नगर तृतीय इलाके में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी जबकि 27 जून को दो कोचिंग छात्रों ने अपनी जान गवाई जिनमें उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी आदित्य (17) और उदयपुर के सलूंबर का रहने वाला मेहुल वैष्णव (18) शामिल है और यह दोनों ही विज्ञान नगर इलाके के एक ही हॉस्टल में रहकर नीट की तैयारी कर रहे थे। जुलाई महीने में उत्तर प्रदेश के निवासी पहुंचे छात्र बहादुर सिंह (17) ने फांसी लगाकर आत्महत्या की जो आईआईटी की कोचिंग के लिए 2 महीने पहले ही कोटा आया था।
अगस्त महीने में सबसे विवादास्पद मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले निवासी मनजीत सिंह छाबड़ा (17) की मृत्यु का रहा जिसे पहले तो आत्महत्या बताने की कोशिश की गई थी लेकिन जिन संदिग्ध परिस्थितियों में उसका शव बरामद हुआ था उसे देखते हुए मृतक छात्र के साहसी पिता और सिख समुदाय के दबाव के कारण पुलिस को हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ा। हालांकि इतने दिन बाद भी अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इसी घटना के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में एक कार्यक्रम में कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता जताई।
इस महीने में भी अब तक तीन और छात्र फांसी लगाकर अपनी जान दे चुके हैं। बिहार के मोतिहारी निवासी भार्गव मिश्रा (17) ने 4 अगस्त को जबकि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी मनीष प्रजापति (17) ने 10 अगस्त को फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दी। इसके बाद मंगलवार देर शाम महावीर नगर थाना क्षेत्र में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे बिहार के गया निवासी कोचिंग छात्र वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की है जो पिछले करीब एक साल से कोटा के महावीर नगर इलाके में एक कमरा किराए पर लेकर आईआईटी की तैयारी कर रहा था।