जातिगत आरक्षण से युवा कुंठित

– आत्महत्याओं पर समता आंदोलन की दो टूक
कोटा। समता आंदोलन समिति के संभागीय अध्यक्ष डॉ अनिल शर्मा ने कोटा शहर में कोचिंग छात्रों में बढ़ती आत्म हत्या के कारणों पर प्रहार करते हुए कहा कि आत्म हत्याऐं रोकने के सरकारी और चिकित्सकीय प्रयास हवा में तीर छोड़ने जैसा है। वास्तविक समस्या जातिगत आरक्षण पर बोलने में क्या परेशानी है जिसके कारण युवा वर्ग कंुठित हो रहा है। कोटा ही क्या समूचे देश में आरक्षण से युवा प्रतिभाऐं परेशान है। सरकार का ही अपनी गलत नीतियों में सुधार करना होगा।
शर्मा ने कहा कि समता आंदोलन ने हमेशा इस समस्या को प्रमुखता से उठाया है। प्रशासन भी समस्या की जड़ पर नहीं जाना चाहता सिर्फ दिखावे की बातें कर रहा है। राजनेताओं ने हमेशा इसे सामान्य घटनाओं की तरह लिया और भुला दिया। केवल कोचिंग संस्थानों के संचालकों को दोषी ठहराने से समाधान नहीं होगा। कोचिंग प्रबंधन एक कारण हो सकता है लेकिन प्रतिभाओं का जीवन से पलायन हो और राजनेता चुप्पी साधे रहें तो समस्याऐं ओर भी गंभीर होने वालीं है। मनोवैज्ञानिक सिर्फ बीमारी का ईलाज कर सकते है इस समाजिक समस्या का समाधान उनके वश का नहीं। आत्म हत्या के कारणों पर गौर किया जाए तो स्पष्ट है कि ये कोई बीमारी नहीं जिसका ईलाज डाक्टर करेगा। ये समस्या है जो राजनीतिक स्वार्थ और सरकारों की विफलताओं आदि कारणों से पैदा हुई है। डॉ शर्मा ने कहा कि कोचिंग संस्थानों पर लगाम कसिए लेकिन बीमारी की जड़ को भी पकड़ें और सरकार के सामने साहस के साथ कह सकें कि बीमारी का उपचार समता ही है।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments