
-दुष्यंत सिंह गहलोत-
कोटा.शहर में डेंगू धीरे-धीरे बढ़ने की ओर अग्रसर है, ऐसे में डेंगू पीड़ित मरीजों प्लेटलेट की आवश्यकता भी होती है। ऐसा ही एक मामला अष्टमी के दिन सामने आया जब एक 17 वर्षीय मरीज शिवम मेहता की प्लेटलेट काउंट मात्र 7 हजार रह गई। परिजन भी बेहद चिंतित हो गए। अष्टमी का दिन होने से व्यवस्था नहीं हो रही थी। उसके बाद टीम जीवनदाता से सम्पर्क किया गया। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के रीजन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि मरीज की स्थिति को देखते हुए काफी प्रयास किए, लेकिन ओ पॉजीटिव एसडीपी के डोनर की तलाश पूरी नहीं हुई। ऐसे में मोटर मार्केट के युवा व्यवसाई ने पहले ही बोला था कि कभी रात को एसडीपी की आवश्यकता हो तो इस समाजसेवा के कार्य में हम भी सहयोग करेंगे। ऐसे में अनुपम जैन को कॉल किया तो वह अपने परिवार के साथ रामलीला देखने दशहरे मेले घूमने जा रहे थे। जब उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया तो उनके पिता इंदर चंद जैन ने उन्हें मोटिवेट किया और जाने के लिए कहा तो वह सीधे तलवंडी स्थित अपना ब्लड बैंक पहुंचे। सभी प्रक्रिया में करीब रात को एक बज गए थे। उसके बाद एसडीपी शुरू की गई जो रात को करीब 3 बजे पूरी हुई। उसके बाद मरीज के परिजनों को एसडीपी उपलब्ध कराई गई। इस समर्पित भाव से एसडीपी के प्रयास के लिए टीम जीवनदाता व एसडीपी डोनर का त्याग देख परिजन नत मस्तक हो गए। इस अवसर पर अनुपम के मित्र राहुल आडवाणी भी ब्लड बैंक पहुंचे और प्रोसेस देखकर खुद भी अगली बार मदद का आश्वासन दे गए। टीम जीवनदाता के अंकित पोरवाल का भी विशेष सहयोग रहा, उन्होंने प्रक्रिया में पूर्ण संयोजन किया।