ब्लड बैंकों में रक्तदान शिविर कम लगने से रक्त की कमी आई

-दुष्यन्त सिंह गहलोत-

कोटा। थैलेसीमिया के लिए ब्लड बैंकों में रक्त की कमी हो गई है। पार्षद सलीना शेरी ने बताया कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रोग है, जिसमें 10 से 20 दिन के अन्तराल में बच्चों को रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। उसके लिए कोटा ब्लड बैंक व एमबीएस ब्लड बैंक मैं रक्त रक्त चढ़ाने जाते हैं। अभी ब्लड बैंकों में रक्तदान शिविर कम आयोजित होने से ब्लड बैंकों मैं रक्त की कमी आ रही है इससे थैलेसीमिया बच्चों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष मानव अधिकार नितेश खंडेलवाल ने कोटा ब्लड बैंक मैं आकर थैलेसीमिया बच्चों के लिए रक्तदान किया। पार्षद सलीना शेरी ने अपील की है कि ब्लड बैंकों में अधिक से अधिक रक्तदान करें।

खाद बीज व्यवसाई मनीष माहेश्वरी ने 42वीं बार की एसडीपी डोनेट

खाद बीज के व्यवसाई मनीष माहेश्वरी ने 42वीं बार एसडीपी डोनेट कर कीर्तिमान स्थापित किया है। रावतभाटा निवासी बीरबती की तबियत काफी खराब हो गई थी। प्लेटलेट भी निरंतर गिर रही थी। अस्पताल में ही किसी नर्सिंग स्टॉफ ने रक्तवीर भुवनेश गुप्ता का जिक्र किया। पुरानी धानमंडी में व्यवसायी मनीष माहेश्वरी को मरीज की स्थिति बताई तो एसडीपी करने पहुंचे। मनीष ने 42वीं बार तलवंडी स्थित अपना ब्लड बैंक आकर एसडीपी डोनेट की। वह अब तक 24 बार रक्तदान भी कर चुके हैं।

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