
-रामबाबू मालव-
(विहिप के प्रचार प्रमुख)
कोटा। विश्व हिंदू परिषद सेवा विभाग द्वारा चित्तौड़ प्रांत के कोटा महानगर की 25 बस्तियों में 5 से 12 वर्ष के बालक, बालिकाओं को संस्कार एवं शिक्षा देने के लिए 27 आचार्या बहनों का चयन कर विश्व हिंदू परिषद कार्यालय मानव विकास भवन कोटा महानगर में तीन दिवस तक प्रशिक्षण विहिप के केंद्रीय मंत्री एवम अखिल भारतीय सेवा प्रमुख अजय पारीख द्वारा 12 सत्रों में दिया गया।
उक्त वर्ग के समापन सत्र में मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रताप सिंह धाकड़ रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में समाज सेवी रूमा देवी का उदाहरण देते हुए कहा की रूमादेवी भारतीय पारंपरिक हस्तकला कारीगर थी, उन्होंने एक स्वयं सहायता समूह शुरू किया और हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। इसी प्रकार समाज आत्मनिर्भर बने इसके लिए कृषि उत्पाद को महत्व दिया जाना चाहिए। जिसमे मोटा अनाज (मिलेट्स) जिसमे बाजरा, रागी कुटकी,ज्वार , जौ,मक्का,इत्यादि के उपयोग व महत्व को बताते हुए उनसे बने उत्पाद एवम फल नींबू ,आंवला जैसे कृषि के उत्पाद के लिए स्वयं सहायता समूह बनाकर समाज को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
महानगर मंत्री मोहन मालव ने अजय पारीख की सहमति से संस्कार शालाओ की महानगर टोली की घोषणा की। जिसमें मंजू चैहान को टोली प्रमुख ,नेहा महला, मधुलता भास्कर, भवानी शंकर और आशीष शर्मा को टोली सदस्य बनाया।