
कोटा। शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी को झारखंड सरकार की अनुशंसा पर उसकी पवित्रता को खण्डित करते हुए आम लोगों की मौज मस्ती के लिये पर्यटन क्षेत्र बनाया जा रहा है जबकि जैन समाज इस पवित्र तीर्थ की सुरक्षा,संरक्षा एवम धार्मिक तीर्थ बनाये रखने के लिये कटिबद्ध व संकल्पबद्ध है।
श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्री संघ,रामपुरा,कोटा संघ के अध्यक्ष पंकज मेहता ने बताया कि सरकार के इस निर्णय से जैन समाज बहुत उद्वेलित और आहत है। सरकार के इस निर्णय के विरोध में श्वेताम्बर एवम दिगम्बर समाज एक जुट होकर बुधवार 21 दिसंबर को सुबह 9 बजे एक विशाल जुलूस के रूप में सेवन वन्डर से गीता भवन,रामपुरा बाजार होते हुए कलेक्ट्री पहुचेंगे तथा राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री एवम झारखण्ड के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सोपेंगे।
संघ के मंत्री अशोक बोहरा ने बताया कि सम्मेद शिखर जी से जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर निर्वाण को प्राप्त हुए है इसके अलावा अनेक संतों ने वहां से निर्वाण को प्राप्त किया है। वहां नीचे सरकार ने कुटीर व ग्रामोद्योग भी शुरू करने का निर्णय लिया है। किन्तु वहां पर मुर्गी पालन व मछली पालन की भी दुकानें लगायी जाएगी। जैन समाज इसका भी पुरजोर विरोध करता है। पूरे क्षेत्र को धार्मिक क्षेत्र घोषित कर के अभक्ष्य (मांस,मछली,मुर्गी इत्यादि) की बिक्री भी बंद करने की मांग करता है।
संघ के अध्यक्ष पंकज मेहता ने श्वेताम्बर समाज के सभी लोगों का आह्वान किया है कि सपरिवार इस विशाल जुलूस में शामिल होकर जैन समाज की एकजुटता का परिचय दें। सभी व्यापारी बंधु जुलूस के अंत तक अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद करके जुलूस में शामिल हों। सर्विस क्लास बंधु भी अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर जुलूस का हिस्सा बनें। अपने बच्चों को भी स्कूल से अवकाश दिलवाकर जुलूस में साथ लाएं।