जल जीवन मिशन की सफलता के लिए जनता की सहभागिता जरूरी -प्रसून माकड़

-जल जीवन मिशन में अधिकारी विभागीय समन्वय से कार्य करें - अतिरिक्त मुख्य अभियंता -अभियंताओं ,डीएसयू कार्मिकों और आईएसए की संभाग स्तरीय कार्यशाला संपन्न -यूनिसेफ एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के तत्वावधान में हुई कार्यशाला

-दुष्यन्त सिंह गहलोत-

कोटा। जल जीवन मिशन के तहत गांव की पेयजल योजनाएं जनता की सहभागिता से संचालित एवं संधारित होंगी। ग्राम की ग्राम एवं स्वच्छता समिति को ही गांव की पेयजल योजनाओं का संचालन संधारण कर ग्रामीण जन को पेयजल मुहैया कराने के लिए तैयार कर जज्बा पैदा करना होगा। उक्त विचार यूनिसेफ राजस्थान के प्रसून मांकड़ ने कोटा संभागीय मुख्यालय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।

यूनिसेफ प्रतिनिधि प्रसून माकन ने कहा कि अभियंता और जनप्रतिनिधि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के सफल आयोजन के लिए राज्य स्तर से नियुक्त कार्यकारी एजेंसियों आईएसए डीएसयू एवं डीपीएमयू आपस में समन्वय के साथ फील्ड के अनुभव के आधार पर जनता की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करें। हर घर जल हर घर नल का सपना 2024 तक पूरा करना है तो इसके लिए सभी को एकजुट होकर समय बदलता के साथ विभिन्न विभागों का समन्वय लेते हुए कार्य करने पर जोर दिया।

उन्होंने जल जीवन मिशन के लक्ष्य एवं उद्देश्य के साथ हर घर जल हर घर नल ऑनलाइन मॉनिटरिंग डाटा फीडिंग समेत अनेक बिंदुओं पर कार्यशाला में उपस्थित अभियंता गणों एवं अन्य को प्रशिक्षित किया।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता महेश जांगिड़ ने कहा कि हर घर जल हर घर नल के लिए जिला स्तर के समस्त अधिकारी अपनी टीम के साथ में क्रियान्वयन एजेंसियों को साथ लेकर लक्ष्य की प्राप्ति में जी जान से जुटे तभी वर्ष 2024 तक हर घर जल का सपना साकार हो सकेगा।

उन्होंने कोटा संभाग के कोटा बूंदी बारां तथा झालावाड़ जिले में हर घर जल हर घर नल के लिए गए प्रयासों में झालावाड़ के द्वारा इस वर्ष लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा, गत वर्ष अधिशासी अभियंता लाखेरी के द्वारा किए गए कार्यों को भी सराहा।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता रामनिवास मीणा ने जल जीवन मिशन में जन सहभागिता को बढ़ाने के लिए लगातार सतत रूप से विभिन्न विभागों का सहयोग लेकर कार्य करने की आवश्यकता जताई तथा इसके लिए आईएसए को जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के समन्वय से कार्य करने पर जोर दिया ।उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामों की पेयजल व्यवस्था है का संचालन संधारण अब ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति ही करेंगी।
कार्यशाला में स्टेट प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट के रितिक ने जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न डाटा कलेक्शन बेसलाइन सर्वे की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जिला ग्रामीण खंड के अधिशासी अभियंता सोमेश मेहरा ने यूनिसेफ एवं जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग द्वारा कार्यशाला के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए जल जीवन मिशन की सफलता के लिए जनभागीदारी पर जोर दिया तथा आईएस ए की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए उनसे जल जीवन मिशन में गतिविधियां निरंतर करते रहने का आग्रह किया।
सीसीडीयू डब्ल्यूएसएसओ के मानव संसाधन परामर्शदाता कमल किशोर शर्मा ने जल जीवन मिशन के लक्ष्य एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति से जन जागरूकता निरंतर करते रहने का आह्वान किया। शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन में 90 फ़ीसदी राशि केंद्र एवं राज्य सरकार वहन करेगी साथ ही 10 फ़ीसदी राशि जन सहभागिता से ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से एकत्रित करना होगा। जनता का अंशदान होगा तो जनता इससे अपनी योजना समझ कर भागीदार बनेगी।

कार्यशाला में यूनिसेफ राजस्थान के प्रतिनिधि प्रसून माकड़, राज्य प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट के रितिक कुमार, वक्ता रहे। जन स्वास्थ्य अभित्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता महेश जांगिड़ अधीक्षण अभियंता रामनिवास मीणा कोटा के नवनियुक्त अधीक्षण अभियंता पी के बागला, बूंदी के अधीक्षण अभियंता देवकीनंदन व्यास, अधिशासी अभियंता सोमेश मेहरा पुरुषोत्तम सिंघल अरविंद खींची हरेंद्र किराड़ पीसी महावर समेत कोटा बूंदी बारां झालावाड़ के नामांकित अधिशासी अभियंता सहायक अभियंता कनिष्ठ अभियंता गण डिस्टिक सपोर्ट यूनिट के परामर्शदाता, जिलों में कार्यरत क्रियान्वयन एजेंसी आईएसए के प्रतिनिधि तथा डीपीएमयू के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।कार्यशाला का संचालन कमल शर्मा ने किया।

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