अमृत भारत योजना में कोटा रेल मंडल के 18 स्टेशन शामिल

-अशोक सैनी-

(स्वतंत्र पत्रकार एवं रेल मामलों के जानकार)

कोटा। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण अमृत भारत योजना में कोटा रेल मंडल के 18 स्टेशन शामिल हैं। इसमें से कोटा और डकनिया स्टेशन के पुनर्विकास का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
इसके अलावा इस योजना में मंडल के विक्रमगढ़ आलोट, भवानीमंडी, रामगंजमंडी, झालावार सिटी, शामगढ़, चैमहला, सवाई माधोपुर, गंगापुर, श्री महावीर जी, हिंडौन, बयाना, भरतपुर, छबड़ा गुगोर, बारां, बूंदी तथा मांडलगढ़ स्टेशन शामिल हैं। इसमें चैमहला स्टेशन को बाद में शामिल किया गया है।
रेलवे का उद्देश्य इन स्टेशनों को आधुनिक रूप देकर यात्री सुविधाओं को बढ़ाया है। साथ ही लंबी अवधि के लिए मास्टर प्लान भी तैयार करना है।

देशभर के 1275 स्टेशन शामिल: इस योजना में सरकार ने देश भर के 68 मंडलों के 1275 स्टेशनों को शामिल किया है। रेलवे की योजना इन स्टेशनों के विकास पर 400 करोड रुपए तक खर्च करने की है। सरकार का प्रयास है कि किसी भी परिस्थिति में चुनाव से पहले इन स्टेशनों के विकास का लाभ यात्रियों को मिलने लग जाए। सरकार ने 31 जनवरी को ही इन स्टेशनों की लिस्ट जारी की है।

रेलकर्मी अब खुद बना सकेंगे अपने पास-पीटीओ

रेलवे कर्मचारी अब खुद ही अपने पास-पीटीओ ऑनलाइन बनवा सकेंगे। इसके लिए क्रिस ने अपने सिस्टम में बदलाव किया है। कर्मचारियों को यह सुविधा 19 फरवरी से मिलने लगेगी। इस सिस्टम में कर्मचारी को मौजूदा घोषणा (बिना किसी बदलाव के) को फिर से घोषित करने का विकल्प दिया गया है, जो पास क्लर्क पास जारी करने वाले प्राधिकारी के अनुमोदन की आवश्यकता के बिना स्वतः स्वीकार किया जाएगा। इसके अलावा पीटीओ के लिए भी तेज़ और वैकल्पिक मार्ग का विकल्प प्रदान किया गया है, जैसा कि वर्तमान में पास के लिए उपलब्ध है।
हर साल देना होगा विवरण: इस सुविधा के लिए कर्मचारी द्वारा वर्ष में एक बार अनिवार्य रूप से पारिवारिक घोषणापत्र दिया जाना जरूरी होगा। पास एक वर्ष से अधिक पुराना होने पर जारी नहीं किया जाएगा। यदि कर्मचारी द्वारा अनुमोदन के लिए पारिवारिक घोषणा के लिए सेवा अनुरोध प्रस्तुत किया गया है, तो एक महीने की छूट अवधि उपलब्ध होगी, जिसके दौरान पास अभी भी जारी किया जाएगा। इसके अलावा पास रद्द करने और परिवार घोषणा में बदलाव के लिए अभी भी पास क्लर्कध्पास जारी करने वाले प्राधिकारी के अनुमोदन की आवश्यकता होगी।

विजिलेंस ने लगाया 30 लाख का जुर्माना

रेलवे विजिलेंस द्वारा रविवार को कोटा में ओवरलोड मालगाड़ी पकड़ने का मामला सामने आया है। इस मालगाड़ी में कोयला भरा हुआ था। विजिलेंस ने फर्म पर 30 लाख का जुर्माना लगाया है। 58 डिब्बों की यह मालगाड़ी वेस्ट पोर्ट साइडिंग गुजरात से आई थी। इसे कोटा मंडल के सालपुरा स्टेशन स्थित एक निजी थर्मल पावर प्लांट जाना था। इसी दौरान विजिलेंस को सूचना मिली कि इस मालगाड़ी में क्षमता से अधिक कोयला भरा हो सकता है। इस पर विजिलेंस ने कोटा में मालगाड़ी को रुकवा लिया। इसके बाद विजिलेंस ने यार्ड में स्थित वेब्रिज पर मालगाड़ी को तुलवाया। इस तुलाई में विजिलेंस को मालगाड़ी में क्षमता से करीब 50 टन अधिक कोयले का लदान पाया गया। यह अधिक कोयला 30 डिब्बों में भरा हुआ था। इसके बाद विजिलेंस ने फर्म पर करीब 30 लाख का जुर्माना लगा दिया। सूत्रों ने बताया कि इह कार्रवाई को पश्चिम-मध्य रेलवे के मुख्य सतर्कता अधिकारी पंकज शर्मा के विशेष दिशा निर्देशन में अंजाम दिया गया। उल्लेखनीय है कि ओवरलोड मालगाड़ी से रेलवे को किराए का नुकसान तो होता ही है इसके अलावा पटरियों की क्षमता प्रभावित होती है। डिब्बों को भी नुकसान पहुंचता है। साथ ही दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।

 

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