किताबें यदि साथ हैं

hindi book

-डाँ आदित्य कुमार गुप्ता-

aditya kumar
डाँ आदित्य कुमार गुप्ता

किताबें यदि साथ हैं
जिन्दगी का हर आनंद साथ है
किताबों में छिपा है
जीवन का फलसफा।
जीवन का हर रूप
किताबों  में झाँकता  दिखाई देता है।
वशर्ते.
पास में हो किताबें
उन्हें पलट कर देखने की
उत्कट अभिलाषा
और मन के दरबाजें हों खुले।
किताब के पन्नों की तरह
जिन्दगी के पन्ने भी रहते हैं
बँधे एक दूसरे से ।
सँभाल कर रखने की जरूरत है
बिखरते भी देर नहीं लगती
जिन्दगी के पन्नों को ।
हर रोज़ संभाल कर देख लो
फिर चलते रहो
चलते रहो
चौराहों पर
आहिस्ता आहिस्ता ।
चौराहों से फूटेगा
एक मुकम्मल रास्ता ।

डाँ आदित्य कुमार गुप्ता
बी-38 मोती नगर विस्तार थेकड़ा रोड़ बोरखेड़़ा कोटा ।

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