shakoor anwar
शकूर अनवर

ग़ज़ल
शकूर अनवर
किसी भी काम में हरगिज़ सफ़ल नहीं होते।
वो लोग जिनके इरादे अटल नहीं होते।।
*
हमारे चेहरों पे दुख की शिकन नहीं पड़ती।
हमारे माथों पे ग़ुर्बत* के बल नहीं होते।।
*
हमारे नाम से जोड़ो न अपने सपनों को।
हमारे जैसे दरख़्तों*में फल नहीं होते।।
*
ज़मीन वाले बड़ी मुश्किलों में हैं या रब।
कई सवाल किताबों से हल नहीं होते।।
*
हमीं ने खाये हैं “अनवर” फ़रेब दुनिया से।
किसी के साथ मगर हमसे छल नहीं होते।।
*
शकूर अनवर
ग़ुर्बत *गरीबी, दरिद्रता
दरख़्तों में*पेड़ों में

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Arun kumar Tiwari
Arun kumar Tiwari
2 years ago

Excellent????