प्रश्न आज भी अनुत्तरीत है

-प्रकाश केवड़े-

prakash kevde
प्रकाश केवडे

पूछा एक प्रश्न यशोधरा ने
आर्य स्वयं को जानने
संसार को समझने
दूसरों की पीड़ा
दूर करने के लिए
तप आवश्यक था
त्याग जरूरी था
तो क्या मेरी
आज्ञा की
आवश्यकता न थी?
या मुझ पर विश्वास
नहीं था?
मन को जीतने वाले
महायोगी क्या
आपका मन
मेरे अश्रू का
बोझ सहने के
काबिल न था?
प्रश्न आज भी
अनुत्तरीत है।

रचियता प्रकाश केवड़े

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments