बस सब कुछ चलता रहता…

chai

– विवेक कुमार मिश्र-

vivek mishra 162x300
डॉ. विवेक कुमार मिश्र

चाय के साथ विचार यात्रा
संसार को समझने की यात्रा में
एक अदद चाय विचार मंच की तरह होती
चाय पर जो आदमी चलता है
केवल चाय ही नहीं पीता
चाय पर आसपास का पूरा संसार आ जाता है
और बातों के राज में चाय का संसार ऐसे बसा है कि
हर कोई यहां नये सिरे से जुड़ जाता
और बातों की दुनिया इस तरह चलती कि कुछ भी खत्म नहीं होता
बस सब कुछ चलता रहता
और चाय नित्य ताजगी के साथ संवाद से जोड़ती रहती है
चाय के साथ दुनिया भर की बातें
खाली समय में होने का अहसास लिए चाय
और एक दूसरे को समझने जानने में
चाय ऐसे रच बस जाती कि यहां से उठी बातें
संसार के बीच मनुष्यता के पद पर
रहने का वार्तालाप करती रहती हैं
एक दो नहीं अनंत तक की दुनिया चाय पर ही घुलती रहती है
चाय के रंग में चाय का स्वाद और अर्थ सब गूंजता रहता है
मौसम का भार भी चाय पर होती कि
सर्दी की चाय के साथ अदरक काली मिर्च और चाय की पत्ती
अपने पूरेपन में चमक जाती है।

(सह आचार्य हिंदी राजकीय कला महाविद्यालय कोटा)
F-9, समृद्धि नगर स्पेशल , बारां रोड , कोटा -324002(राज.)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments