
-प्रकाश केवडे-

गुजरे हुए वक्त
से बेहतर कोई
वक्त ना था।
अफसोस हमें
वक्त रहते उस
वक्त का इल्म ना था।
वक्त वक्त की
बात है जो
वक्त को समझ
नहीं सका
उम्र भर फिर
उसका वक्त
कभी ना आ सका।
वक्त की अहमियत
वक्त रहते जान लो
वक्त गुजरने से
पहले वक्त को
पहचान लो।
रचियता प्रकाश केवडे
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बीता वक्त इतिहास बन जाता है, जो मुट्ठी में है उसकी कीमत पहचानो, प्रकाश जी का कथन अनुकरणीय है