वफ़ा की राह में होना है जो भी हो जाये। वफ़ा की राह में सूदो ज़ियाॅं से क्या मतलब।।

shakoor anwar 00
शकूर अनवर

ग़ज़ल

शकूर अनवर
तेरी मिसाल किसी कहकशाँ* से क्या मतलब।
ज़मीं के चाॅंद तुझे आसमाॅं से क्या मतलब।।
*
मेरे नहीफ़ से काॅंधों पे क्यूॅं गिरा पर्वत।
मेरे मिज़ाज को बारे गिराॅं से क्या मतलब।।

हम अपने अपने घरों से कहाॅं निकलते हैं।
फिर अपने शहर में अम्नो अमाॅं से क्या मतलब।।
*
वफ़ा की राह में होना है जो भी हो जाये।
वफ़ा की राह में सूदो ज़ियाॅं से क्या मतलब।।
*
हम अपना रख़्ते सफ़र मंज़िलों पे खोलेंगे।
क़दम क़दम पे नये इम्तेहाॅं से क्या मतलब।।
*
निज़ाम उसका है “अनवर” मुहावरे उसके।
अमीर ए शहर को मेरी ज़ुबाॅं से क्या मतलब।।
*

कहकशाॅं*सितारों की लड़ी आकाश गंगा
नहीफ़* कमज़ोर
बारे गिराॅं* भारी बोझ
सूदो ज़ियाॅं*नुक़सान फ़ायदा
रख़्ते सफ़र*यात्रा का सामान
निज़ाम*व्यवस्था इंतज़ाम
मुहावरे* उक्तियाॅं
अमीर ए शहर* हाकिम शासक
ज़ुबाॅं* भाषा

शकूर अनवर
9460851271

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