
-नीलू चौधरी –
(नीलू चौधरी कवयित्री और कहानीकार हैं)

सुनो तुम जागृत स्त्रियों !
पिलानी होगी संजीवनी बूटी
उन स्त्रियों को जो
घुटती, पिटती, सहती आज भी अर्धमूर्छित
अवस्था में रहती है अपने अधिकारों से
वंचित….
सुनो तुम अलौकिक स्त्रियों!
अपने स्नेहसिक्त हाथों के
स्पर्श से करना होगा पुनर्जीवित
उन स्त्रियों को जो
सदियों से कड़वी,अप्रिय बातें सुन सुनकर
अहिल्या की भाँति बन चुकी है पाषाण…
सुनो तुम दूरदर्शी स्त्रियों!
खोलनी होगी उन स्त्रियों की
आँखों की पट्टी
जो नहीं देख पाती हैं
बेइंसाफी…
देखने में असमर्थ
गांधारी सदृश
बन गई है दृष्टिहीन
उड़ेल दो थोड़ा सा आत्मविश्वास
उन भीरु स्त्रियों में
जो आँखों में पलते सपनों को
कर सकें पूरा
बँधे पंखों को खोलकर
निर्भीक उड़ सके खुले आसमान में…
उन्हें भी नहीं चाहिए
सिर्फ घर का एक कोना
ख़्वाब उनका भी है
विस्तृत नभ में होना।
#नीलू_चौधरी