दहलीज ने क्या नहीं देखा…

ak02
फोटो अखिलेश कुमार

दहलीज

-प्रकाश केवडे-

prakash kevde
प्रकाश केवडे

दहलीज ने क्या नहीं देखा
किसी का मासूम बचपन
और किसी का बुढ़ापा देखा
किसी की राह ताकते देखा।

शर्मों लिहाज के परदे में
हसरतों को मरते देखा
सिसकियां को खौफ से
कभी दफ़न होते देखा।

कभी खुशी का समां देखा
कभी ग़म का साया देखा
भीतर रहने वाले लोगों की
तबियत का हर रंग देखा।

प्रकाश केवडे

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments