
-डाॅ प्रतिभा सिंह-

सुनो न!
मैं जब भी तुम्हारे आस-पास रहूँ
तुम मौन हो जाया करो
मेरे हृदय का पैमाना
तुम्हारे मौन की गहराई में उतरकर
थाह लेगा
तुम्हारे अनकहे शब्द के अर्थ को
……
तुम जानते हो
प्रेम में कहे गए शब्द
प्रेम की उपस्थिति को
अस्तित्वहीन कर देते हैं।
#डॉप्रतिभासिंह
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