-विष्णुदेव मंडल-

(स्वतंत्र पत्रकार)
चेन्नई। यह बात दीगर है कि सड़कें आमजन के आवाजाही सुगम बनाने के लिए बनाई जाती है। लेकिन चेन्नई और आसपास के इलाकों की सड़कों पर आवारा पशुओं के हुड़दंग से जहां आवाजाही प्रभावित हो रही है वहीं कई बार यह आवारा पशु हादसे के कारण भी बन रहे हैं।
बता दें कि विगत मंगलवार को पुंदमली हाई रोड पर एक बाईक सवार हादसे का शिकार हो गया। वह वह मदुरावाइल से पुंदमली जा रहा था तब वेलपनचावडी के पास अचानक तीन चार गायें सड़क पर आ गयी। तेज गति से अपने गंतव्य के तरफ बढ़ रहे बाईक सवार को इस बात अंदाज नहीं था कि अचानक गाय सड़क के बीचों बीच आ जाएगी। गाय को बचाने के चक्कर में बाईक सवार हादसे का शिकार हो गया। उनके पांवों में चोटें आई।

ऐसा नहीं कि यह समस्या सिर्फ एक इलाके की है। महानगर के लगभग सभी इलाकों में आवारा पशुओं का हुड़दंग जारी है। महानगर से बाहरी इलाकों की हालत और बदतर है। जहाँ सभी प्रमुख मार्गों पर आवारा पशुओं ने अपना शरण बना ली है। श्रीपेरंबदूर से अरकोनम जाने के रास्ते में पशुओं का बड़े बड़े झुंड सड़क पर बैठ जाते हैं जिन्हें सड़क से उठाना वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बन जाता है। यही हालात कमोबेश चेन्नई तिरूवल्लुवर रोड का है जहाँ आवारा पशु कहीं भी डेरा डाले हुए मिलते हैं।

खासकर आवडी, पुंदमली, चेपाक, साहुकारपेट, पुझल आदि इलाकों में आवारा पशु आमजन के लिए परेशानियों का सबब बनते जा रहे है। सडकों और बस स्टैंड में भी आवारा पशुओं का कब्जा है। पून्नैमली बस टर्मिनस, आवरी बस टर्मिनस, त्रिप्लीकेन बस स्टैंड आदि में पशुओं ने अपना निवास स्थान बना लिया है।
कहने को तो चेन्नई कॉरपोरेशन एवं बाहरी इलाकों में महापालिका आवारा पशुओं को अवैध विचरण पर रोक लगाने के लिए ₹20000 जुर्माना का प्रावधान किया हुआ है लेकिन जिस कदर महानगर के उपनगर एवं अन्य बाहरी इलाकों में पशुओं का हुड़दंग हो रहा है उससे प्रतीत होता है की सरकारी दावे सिर्फ कहने भर के लिए हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी…..
-आवारा गाय हर दिन रात में हमारे मेन गेट पर बैठ जाते हैं। हमारे बगीचे को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। जब सुबह उठते हैं तो घर के सामने गोबर बिखरे मिलते हैं।
हरिनारायण, पुझल चेन्नई।
-बस पार्क करने की जगह अक्सर गाय बैठ जाती है, जिनके कारण एमटीसी बस सही जगह पर पार्क नहीं हो पाती है। इससे यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। वही हम चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अशरफी (एमटीसी बस चालक )
आवडी बस स्टैंड।