चंबल में बेकार बहाने के बजाए धान की फसलों को मिले पानी

-वरिष्ठ विधायक भरत सिंह धान के लिए जरूरत के वक्त कोटा बैराज से पानी छोड़ने पर उठाया सवाल

-कृष्ण बलदेव हाडा-

kbs hada
कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। राजस्थान में कोटा की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने सुझाव दिया कि जलग्रहण क्षेत्र के अतिरिक्त पानी को कोटा बैराज के गेट खोलकर चंबल नदी में व्यर्थ बहाये जाने के बजाय इसे दोनों मुख्य नहरों दाईं और बांई में छोड़ जाना चाहिए।
श्री भरत सिंह ने कोटा की संभागीय आयुक्त को भेजे एक पत्र में कहा कि कोटा बैराज से छोड़ा गया यह पानी अनुपयोगी हो जाता है जबकि इस समय चंबल की दोनों मुख्य नहरी इलाकों की कृषि भूमि पर किसान धान की फसल बोने की तैयारी कर रहे हैं। स्थिति यह है कि किसान बिजली का उपयोग करते हुए भूजल का दोहन करके ट्यूबवैल जैसे संसाधनों के जरिए पानी निकालकर अपने खेतों में उसका उपयोग कर रहे हैं और इसके विपरीत चम्बल नदी में पानी व्यर्थ बहाया जा रहा है जिसे नदी में बहाने की जगह दोनों मुख्य नहरों और उनकी वितरिकाओं के जरिए छोड़ दिया जाए ताकि किसान इस नहरी पानी का उपयोग धान की फसल के लिए कर सकें। इससे कोटा बैराज के गेट खोलकर पानी व्यर्थ बहाये जाने की स्थिति से भी बचा जा सकता है।

latter श्री भरत सिंह ने अपने पत्र में कहा कि कोटा संभाग में नहरी तंत्र और इसके जरिए होने वाले जल वितरण की व्यवस्था को बिगाड़ने में मुख्य भूमिका और जिम्मेदारी कमांड एरिया डेवलपमेंट (सीएडी) के जयपुर में बैठे अधिकारी और इस विभाग का मंत्रालय की है। सीएडी की भ्रष्ट प्रशासन व्यवस्था यह नहीं चाहती कि वर्षा ऋतु में नहरों से पानी छोड़ा जाए। मंत्री स्तर पर भी और मुख्य अभियंता के स्तर पर भी कोई भी अधिकारी कोटा में सीएडी की बैठकों में भाग नहीं लेते।
श्री भरत सिंह ने कहा कि कमांड एरिया डेवलपमेंट विभाग में हर साल करोड़ों के काम ठेके पर जयपुर में बैठे मुख्य अभियंता के कार्यालय के जरिए होते हैं और इन कामों में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है मगर इसको देखने वाला कोई नहीं है। यह मुद्दा काडा की बैठकों में भी पहले कई बार उठ चुका है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। श्री भरत सिंह ने कहा कि राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो स्थिति यह है कि नहरी क्षेत्र के किसान ही नहीं जानते कि उनसे जुड़े सीएडी विभाग का राजस्थान में मंत्री कौन है? क्योंकि वे कभी कोटा संभाग में नहरी क्षेत्र की किसानों की समस्याओं की सुध लेने के लिए नहीं आते। बीते पांच सालों में किसी मंत्री ने अभी तक कोटा में सीएडी अधिकारियों की हुई बैठक की है। इसका कोई उदाहरण भी नहीं मिलता।
श्री भरत सिंह ने संभागीय आयुक्त से अनुरोध किया है कि सीएडी की कोटा में मुखिया होने के नाते इन मसलों पर ध्यान दें और कोटा बैराज के गेट खोल के पानी को बेकार बहाये जाने के बजाय उसे धान की रोपाई के लिए कोटा संभाग के नहरी क्षेत्र के किसानों को उपलब्ध कराएं। उन्होंने अपने इस पत्र की प्रतिलिपि कोटा के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा, सीएडी विभाग के मंत्री सालेह मोहम्मद को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी है।

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