
मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद से नवगठित कांग्रेस कार्यसमिति की हैदराबाद में आज शनिवार से शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अहम साबित होने वाली है। लेकिन इससे भी बडा मुद्दा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 के आयोजन को लेकर है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से दो राज्यों पंजाब और दिल्ली में आप के साथ सीटों की शेयरिंग पार्टी के लिए सबसे कठिन काम है जबकि इंडिया गठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस इन पांच राज्यों की विधानसभा के चुनावों के बाद ही फैसला करना चाहती है।
राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा से कांग्रेस को न केवल हिमाचल और कर्नाटक में चुनाव जीतने में सफलता मिली बल्कि निराशा के घोर अंधकार की ओर अग्रसर पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नई प्रेरणा का संचार हुआ। कांग्रेस की इस सफलता से लगातार एक के बाद एक विजय हासिल कर रही भाजपा भी बैक फुट पर आने को विवश हुई और सभी विपक्षी दलों को महसूस हुआ कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली इस पार्टी के विजय रथ को रोकना कोई मुश्किल काम नहीं है। वैसे भी राजनीति में कब किस के दिन पलट जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। यही वजह है कि जब इंडिया गठबंधन के गठन की कवायद शुरू हुई तो ऐसे भी दल शामिल हुए जो पिछले कई सालों से एक दूसरे के खिलाफ ही लड रहे थे और इसका फायदा भाजपा को मिल रहा था।
कांग्रेस थिंक टैंक का मानना है कि उसे लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर जल्दबाजी करने के बजाय देखों और इंतजार करो की नीति अपनानी चाहिए क्योंकि यदि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में उसे अच्छी सफलता मिलती है तो वह इंडिया गठबंधन के अन्य सदस्य दलों से बार्गेनिंग करने की अच्छी स्थिति में होगी। पार्टी का जो आंतरिक सर्वे है उससे भी जहां राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा में बराबर की टक्कर मानी जा रही है वहीं छत्तीसगढ में सरकार रिपीट होने की संभावना व्यक्त हो रही है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सरकार बनाने की उम्मीद है। उधर, तेलंगाना में भी कांग्रेस सत्ताधारी बीआरएस से सीधा मुकाबला होता देख रही है। हालांकि भाजपा पूरा जोर लगाए है लेकिन कांग्रेस को पता है कि उसका असली मुकाबला मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की पार्टी से ही है। यदि पार्टी थिंक टैंक के अनुमान के अनुसार राज्य विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आए तोे कांग्रेस इंडिया गठबंधन में और मजबूत स्थिति में होगी।
इस सर्वे की वजह से ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 के आयोजन को लेकर भी अलग अलग राय है। थिंक टैंक में कुछ का मानना है कि यदि विधानसभा चुनावों के पूर्व यह यात्रा आयोजित की जाती है तो इसका लाभ पार्टी को होगा और लोकसभा के लिए ज्यादा तैयारी और बढे हुए मनोबल के अलावा इंडिया गंठबंधन में ज्यादा सीट हासिल कर चुनाव लड सकेगी। इसका उसे फायदा होगा। दूसरी ओर एक मत यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले इस यात्रा का असर लोकसभा चुनाव तक बनाए रखना संभव नहीं होगा। राजनीति का नित नया घटनाक्रम पिछली घटनाओं की स्मृतियों को धूमिल कर देता है इसलिए भारत जोडो यात्रा लोकसभा चुनाव के पहले ही आयोजित करना ज्यादा मुफीद रहेगा।
उल्लेखनीय है कि पहले दिन सीडब्ल्यूसी की मीटिंग होगी जबकि अगले दिन रविवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, प्रदेश अध्यक्षों के अलावा सीडब्ल्यूसी के प्रमुख नेता शामिल होंगे। रविवार को, सीडब्ल्यूसी की बैठक समाप्त होने के बाद, कांग्रेस हैदराबाद में एक रैली करेगी, जहां वह राज्य के लिए छह चुनावी गारंटी की घोषणा करेगी। इन्ही गारंदी ने कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तेलंगाना के 119 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक का दौरा करने के लिए सभी सीडब्ल्यूसी सदस्यों, आमंत्रितों, पीसीसी प्रमुखों और सीएलपी नेताओं के काफिले को हरी झंडी दिखाएंगे।