-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस के वरिष्ठ और कद्दावर नेता, भले ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं, मगर कांग्रेस के रणनीतिकार, पर्दे के पीछे रहकर, राजस्थान में कांग्रेस को लगातार दूसरी बार सत्ता में लाने के लिए चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं ।
कर्नाटक की तरह राजस्थान में भी पूर्व आईएएस शशीकांत सथूर की तरह पूर्व आईएएस के राजू राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता को कैसे बरकरार रखा जाए, इसकी रणनीति बनाते हुए देखे जा सकते हैं ।
कर्नाटक में सत्ता की तरफ बढ़ती कॉन्ग्रेस के प्रमुख रणनीतिकारों में शशीकांत सत्तूर की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह कर्नाटक चुनाव वार रूम के प्रभारी हैं। शशीकांत सथूर कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के पहले से कर्नाटक में कांग्रेस कैसे जीते इसकी रणनीति बनाने में जुटे हुए थे।
कर्नाटक की तर्ज पर क्या के राजू को भी पार्टी हाईकमान ने राजस्थान में चुनावी रणनीति बनाने के लिए लगाया है ? के राजू की राजस्थान में बढ़ती हुई सक्रियता इस ओर इशारा कर रही है कि कर्नाटक चुनाव के बाद, राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर के राजू की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है।
पार्टी हाईकमान ने के राजू को प्रदेश में नई लीडरशिप डिवेलप करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन ने प्रदेश में 1 महीने के भीतर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की दो कार्यशाला का भी आयोजन किया। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस का लीडरशिप डेवलपमेंट अभियान तेजी से पूरे प्रदेश में संभागीय सम्मेलन के रूप में नजर आएगा।
संभावना है कि संभागीय स्तर के सम्मेलनों में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता भी भाग लेंगे ।
हाल ही में कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में तीन राष्ट्रीय से प्रभारियों की भी नियुक्ति की है, यह तीनों सह प्रभारी लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन का सहयोग करेंगे।
राजस्थान मैं विधानसभा चुनाव को मध्य नजर रखते हुए, कांग्रेस के अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के विभागों के राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं को लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन की सहायता करने में लगा दिया है।
लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन ने राजस्थान में प्रदेश और विधानसभा स्तर पर टीम तैयार कर ली है। कांग्रेस का लीडरशिप मिशन बूथ लेवल तक नई लीडरशिप डवलप करेगा। राजस्थान में प्रदेश के अनुसूचित जाति वित्त विकास आयोग के चेयरमैन डॉ शंकर यादव जो लीडरशिप मिशन के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर हैं को राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया है साथ में गुजरात के पूर्व विधायक नौशाद सोलंकी को भी लगाया है।
कांग्रेस बड़ी ही रणनीति के तहत प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुट गई है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और मल्लिका अर्जुन खरगे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद, कांग्रेस एक नई ऊर्जा के साथ देश की राजनीति में मजबूती के साथ नजर आ रही है।
कर्नाटक में कांग्रेस की एकता, कांग्रेस के भविष्य के लिए एक मिसाल बन रही है।
कर्नाटक चुनाव मैं कांग्रेस के नेताओं की एक जुटता, को देखकर यह तो स्पष्ट हो गया कि यदि कांग्रेस के नेता एकजुट होकर चुनाव लड़े तो, सत्ताधारी भाजपा उसके सामने ज्यादा बड़ी चुनौती नहीं है।
कर्नाटक में, कांग्रेस के सत्ता की तरफ बढ़ते कदम, बता रहे हैं कि कांग्रेस के नेताओं की एकजुटता कांग्रेस की वास्तविक ताकत है, जो एक दशक पहले नजर नहीं आ रही थी, यह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नजर आ रही है, और इसी कारण लग रहा है कि कांग्रेस कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने जा रही है।
देवेंद्र याद] कोटा राजस्थान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)