राजस्थान कांग्रेस को लेकर बैठक: ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’

-देवेंद्र यादव-

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देवेंद्र यादव

छत्तीसगढ़ कांग्रेस मैं चल रहे कुर्सी के विवाद को ठंडा करने के मकसद से कांग्रेस हाईकमान ने छत्तीसगढ़ के कद्दावर नेता टीएस सिंह देव बाबा को उप मुख्यमंत्री बनाया।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल और सिंह देव के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था जिसे पार्टी हाईकमान ने सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाकर ठंडा किया।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर कुर्सी के विवाद का निपटारा करने के बाद, सभी की नजर राजस्थान कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के विवाद पर थी। सचिन पायलट के समर्थक और राजनीतिक पंडित उम्मीद लगाए बैठे थे कि छत्तीसगढ़ के बाद कांग्रेस हाईकमान राजस्थान कांग्रेस के भीतर कुर्सी को लेकर चल रहे विवाद को छत्तीसगढ़ की तर्ज पर निपटाने का काम करेगा और सचिन पायलट को कोई भी बड़ी जिम्मेदारी देगा। इसके लिए सबकी नजर 6 जुलाई को कांग्रेस मुख्यालय पर होने वाली राजस्थान कांग्रेस को लेकर बैठक पर थी। 6 जुलाई को कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर राजस्थान कांग्रेस को लेकर बड़ी बैठक भी हुई जिसमें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं उपस्थित हुए मगर सचिन पायलट के समर्थकों और राजनीतिक पंडितों को जो उम्मीद थी वैसा कुछ नहीं हुआ।
सचिन पायलट मुस्कुराते हुए बैठक से बाहर आए और मीडिया से बात करते नजर आए। पायलट की मुस्कुराहट में गजल के शब्द अधिक दिखाई दिए। तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो क्या गम है जिसको छुपा रहे हो।
मुस्कुराहट तो राहुल गांधी, मलिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल के चेहरों पर भी राजस्थान से बैठक में शामिल हुए कांग्रेस के नेताओं ने भी देखी थी। सचिन पायलट और कांग्रेस हाईकमान के चेहरों की मुस्कुराहट में फर्क सिर्फ यह है कि कांग्रेस हाईकमान ने शायद सचिन पायलट और अशोक गहलोत को समझा दिया है कि, समझ जाओ वरना कांग्रेस के भीतर नई लीडरशिप तैयार है।
सचिन पायलट, ने मुस्कुराते हुए प्रेस के सामने मुखातिब होते हुए यह कहा कि पार्टी हाईकमान ने मेरी तीन बातों को मान लिया है। सचिन पायलट समर्थक भी तीन बातों को माने जाने पर जश्न मना रहे हैं और कह रहे हैं कि पार्टी हाईकमान ने पायलट की तीन बातों को माना यह भी ठीक उस कहावत की तरह है भागते भूत की लंगोटी तो मिली।
पायलट समर्थक उम्मीद लगाए बैठे थे कि पायलट को छत्तीसगढ़ की तरह कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी।
6 जुलाई की राजस्थान बैठक से 1 दिन पहले 5 जुलाई को 24 अकबर रोड पर कांग्रेस के लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई थी। जिसमें देश भर में कांग्रेस की नई लीडरशिप तैयार करने पर गहन चर्चा हुई थी। क्या पार्टी हाईकमान ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत को इशारों में समझा दिया है कि समझ जाओ नहीं समझे तो कांग्रेस के पास नई लीडरशिप तैयार है। क्या राजस्थान से कांग्रेस हाईकमान नई लीडरशिप डिवेलप करने का प्रयोग करने जा रही है जिसकी झलक 6 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस को लेकर हुई बैठक में दिखाई दी। क्योंकि पायलट और उनके समर्थक जिस उम्मीद को लेकर 6 जुलाई की बैठक की प्रतीक्षा कर रहे थे उस बैठक में पायलट के लिए ठोस कुछ नहीं निकला। राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और बैठक में चुनाव पर चर्चा हुई। समवेत स्वर में नेताओं ने राजस्थान में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का पार्टी हाईकमान को आश्वासन दिया। यही बात सचिन पायलट ने बैठक से बाहर आकर प्रेस से भी कहीं कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार 2023 के विधानसभा चुनाव में जीतकर रिपीट करेगी।
देवेंद्र यादव, कोटा राजस्थान
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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