चेन्नई में फ्री की रेवड़ी यात्रियों को पड़ रही भारी

एमटीसी के नि:शुल्क सेवा बसों में भी भीड़, यात्री हो रहे हादसे का शिकार

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माधवरम बाईपास बस स्टॉप पर एमटीसी बस में सवार होने के लिए मशक्कत करते यात्री

-विष्णुदेव मंडल-

विष्णु देव मंडल

(तमिलनाडु के स्वतंत्र पत्रकार)

चेन्नई। महानगर में एमटीसी बसों गिर कर यात्रियों की मौत की घटनाएं लगातार बढ रही और राजय सरकार इस तरह की घटनाएं रोकने के बजाय फ्री की रेवड़ियाँ बांट रहीं हैं। ताजा घटना बीते शुक्रवार को घटी। युवराज (16) अपने घर से स्कूल के लिए कंडीगैइ से केलमवाककम बीच चलने वाली एमटीसी बस के फुटबोर्ड पर सवार हो गया। बस के अंदर पैर रखने की जगह नहीं थी। युवराज के अलावा कई और लोग भी फुटबोर्ड पर लटके हुए थे। तझमवूर के पास ड्राइवर के अचानक बस को ब्रेक लगाने से युवराज बस के नीचे गिर गया और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। हालांकि उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह रास्ते में ही दम तोड चुका था। चेन्नई पुलिस ने लाश को शिनाख्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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केस-01
29 अक्टूबर को 11 वीं के छात्र की स्कूल जाते समय एमटीसी बस के क्रम में फुटबोर्ड से गिरकर मौत हो गई। तमिलनाडु सरकार और एमटीसी प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के बजाय जांच के आदेश देकर मामले को ठंडे मे डालकर फर्ज से इतिश्री कर लेते हैं।

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केस -02
7 अक्टूबर को 14 वर्षीय आर्या अपने घर से स्कूल के लिए निकलता है और अडयार और तांबरम के बीच एमटीसी कीे बस गिर जाता है। उसे घायल अवस्था में अस्पताल ले आ जाता है लेकिन चिकित्सा के दौरान उनकी मौत हो जाते हैं।

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आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 7 सालों में 28 से भी अधिक छात्र तमिलनाडु में सरकारी बसों से गिरकर मौत के शिकार हो गए हैं जबकि चेन्नई में अकेले 16 छात्र एमटीसी बस से गिरकर अपनी जान गवा बैठे।
उल्लेखनीय है कि चेन्नई में हर दिन हजारों स्कूली बच्चे फुटबोर्ड पर लटककर यात्रा करते दिखाई देते हैं, वैसे तो सरकार सभी बस चालक और कंडक्टर को बसों के डोर बंद कर बस चलाने की निर्देश दे रखे हैं लेकिन एमटीसी चालकों और ड्राइवरों का भी अपना अलग तर्क है। अधिकांश चालकों का कहना है की स्कूली छात्र ड्राइवर और कंडक्टर के साथ झगड़ने लगते हैं जब उन्हें बस के अंदर आने को कहा जाता है। कई दफे छात्रों की टोली कंडक्टर के साथ हाथापाई भी करती हैं ऐसी स्थिति में वह छात्रों को काबू में नहीं कर पाते हैं।

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पाडि फ्लाईओवर के नीचे एमटीसी बस में लटक कर यात्रा करने को विवश लोग

निशुल्क सेवा है जिम्मेदार

अधिकांश चेन्नई वासियों का कहना है की तमिलनाडु सरकार राज्य की आधी आबादी को बस सेवा निशुल्क कर दी है। जनकल्याण के नाम पर फ्री की रेवडियां बांटी जा रही है। वहीं स्कूली छात्र छात्राओं को भी पहले से ही बस सेवाएं फ्री है जिनके कारण पीक टाइम में भारी संख्या में लोग बस की सवारी करते हैं। खासकर महिलाएं निशुल्क यात्रा करने के चक्कर में भीड़ बढाती हैं। फलस्वरूप स्कूली छात्रों को फुटबोर्ड पर सफर करना पड़ता है जो अक्सर दुर्घटना के कारण बन रहे हैं!

महिलाओं फ्री सेवा लेकिन बस की संख्या में बढ़ोतरी नहीं

सामाजिक कार्यकर्ता जी.रंगनाथन के अनुसार एमटीसी बस में महिलाओं को निशुल्क सेवा तो शुरू कर दी गई लेकिन एमटीसी के बेड़े में बसें नहीं बढाई गयी, यही वजह है कि यात्रियों को जहां बस की सवारी करने में जद्दोजहद करनी पड़ती है वहीं फुटबोर्ड पर चढ़ने के कारण लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं और सरकार सिर्फ वाहवाही लूट रहे हैं!

कई रूटों पर यात्रा करना जानलेवा

बीकाम द्वितीय वर्ष की छात्रा जी.अनन्या के अनुसार एमटीसी जो खासकर महिलाओं के लिए फ्री है, पर चढ़ना बहुत ही कठिन होता है बस सेवा निशुल्क होने से महिलाएं इस सेवा का भरपूर दुरुपयोग कर रहे हैं, बस में इस कदर भीड़ बढ़ जाती है की सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है, जिस बस में महिलाओं की फ्री सेवा है उस बस में पुरुषों को भी चलने का इजाजत है ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह महिलाएं स्पेशल बस संचालित करे।

एमटीसी के बेड़े में बसें बढाने की दरकार

नियमित यात्री एस जो जोसफ़ के अनुसार पिछले कई सालों से एमटीसी के बेड़े में बसें नहीं बढ़ाई गई है, नये नये नगर और कालोनियां बस रही हैं। हर रूट पर भारी संख्या में यात्रीगण बढ रहे हैं लेकिन बसें नहीं बढाई जा रही हैं। इसलिए लोगों को फुटबोर्ड पर यात्रा करने को विवश होना पड़ता है।

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