भरत सिंह ने धरना प्रदर्शन कर एक बार फिर खान मंत्री प्रमोद जैन पर साधा निशाना

श्री भरत सिंह ने आज कहा कि यदि राज्य सरकार में किसी तरह का भ्रष्टाचार है तो मुख्य विपक्षी दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं को यह मसला विधानसभा और विधानसभा के बाहर उठाना चाहिए लेकिन यहां तो स्थिति यह है कि खुद भारतीय जनता पार्टी के नेता ही भ्रष्ट अाचरण में लिप्त है। श्री भरत सिंह ने कहा कि बारां जिले में अवैध खनन के कारण कई लोगों की जान चली गई है, लेकिन बारां के भारतीय जनता पार्टी के नेता इस मसले पर बोलने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि अवैध खनन के इस काले कारोबार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की भी बराबर की भागीदारी है।

dharna

-कृष्ण बलदेव हाडा-

राजस्थान में कोटा जिले के सांगोद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके भरत सिंह कुंदनपुर ने आज एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ कोटा में जिला कलेक्ट्री पर धरना देकर और भ्रष्टाचार के प्रतीक स्वरूप पुतला जलाकर पूर्व में अपने कैबिनेट सहयोगी रह चुके और वर्तमान में भी राजस्थान के खनन एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके जीरो टॉलरेंस की पुरानी घोषणा की याद दिलाते हुए खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ कार्यवाही करने और उन्हें मंत्री पद से हटाने।
की मांग उठाई।
भरत सिंह कुंदनपुर ने आज खान माफियाओं को संरक्षण देने और खान विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ एवं
खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में शामिल करने की मांग को लेकर कोटा में कलेक्ट्री के बाहर दोपहर में धरना दिया। बाद में श्री भरत सिंह की अगुवाई में भ्रष्टाचार के प्रतीक के रूप में बनाए गए पुतले का दहन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पिछले विधानसभा चुनाव से पहले और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने के समय किए गए भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने के संकल्प की याद दिलाई। हालांकि धरने और प्रदर्शन के बाद वरिष्ठ विधायक श्री भरत सिंह की ओर से प्रशासन को कोई ज्ञापन प्रस्तुत नहीं किया गया क्योंकि वे कहते रहे कि इस मांग के बारे में प्रशासन को पहले भी कई बार अवगत करवा चुके हैं। यह धरना-प्रदर्शन तो भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री को उनके ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति की याद दिलाने के लिए दिया गया है और इसके लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन देने की आवश्यकता नहीं है।
श्री भरत सिंह ने आज कहा कि यदि राज्य सरकार में किसी तरह का भ्रष्टाचार है तो मुख्य विपक्षी दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं को यह मसला विधानसभा और विधानसभा के बाहर उठाना चाहिए लेकिन यहां तो स्थिति यह है कि खुद भारतीय जनता पार्टी के नेता ही भ्रष्ट अाचरण में लिप्त है। श्री भरत सिंह ने कहा कि बारां जिले में अवैध खनन के कारण कई लोगों की जान चली गई है, लेकिन बारां के भारतीय जनता पार्टी के नेता इस मसले पर बोलने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि अवैध खनन के इस काले कारोबार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की भी बराबर की भागीदारी है।
श्री भरत सिंह ने कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं और आने वाले समय में भी हमेशा आवाज उठाते रहेंगे। फिर चाहे प्रदेश में सरकार कांग्रेस की हो या भारतीय जनता पार्टी की, भ्रष्टाचार के प्रति उनकी यही सोच जारी रहने वाली है और इसको लेकर वे हमेशा यत्नशील रहेंगे। श्री भरत सिंह ने कहा कि केंद्र में जब कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती है तो संसद में उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है। केंद्र सरकार में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संकल्प लेना चाहिए। इस मसले पर महज जुमलेबाजी से काम चलने वाला नहीं है।
श्री भरत सिंह ने एक बार फिर से दोहराया कि प्रशासनिक गलती से खान की झोपड़िया गाॉव को बारां जिले में शामिल कर लिया गया था जिसे सुधारने की वे निरंतर मांग करते रहे हैं और उनकी मांग को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को खान की झोपड़िया गांव को कोटा ज्ले में शामिल करना चाहिये ताकि वहा व्यापक पैमाने पर हो रहे अवैध खनन को रोका जा सके क्योंकि बारां का प्रशासनिक-राजनीतिक तंत्र खान की झोपड़िया गांव में खनन माफिया को संरक्षण प्रदान कर रहा है। इस गांव को कोटा जिले में शामिल करके वहां हो गए अवैध खनन को रोका जाना संभव है। श्री भरत सिंह पिछले काफी लंबे समय से लगातार भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए और कोटा संभाग में ही नहीं बल्कि समूचे राजस्थान में खनन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप जड़कर खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर हमले बोलते रहे हैं यह अलग बात है कि उनके लगातार न केवल विधानसभा में बल्कि विधानसभा के बाहर निरंतर यह मसला उठा कर खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को पद मुक्त करने की मांग के प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी तक एक बार भी सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया है और प्रमोद जैन भाया का बकायदा दो अहम विभागों के मंत्री बने हुए हैं।

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