मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का समर्थन जरूरी

bharat singh
भरत सिंह कुंदनपुर

-बड़े नेताओं से वार्ता में संतुष्ट होने पर भी धरने के बारे में विधायक भरत सिंह के बोल

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

कोटा। राजस्थान में कोटा जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संघर्ष की रणनीति के तहत 10 फरवरी को कोटा में कलक्ट्री के सम्मुख धरना-प्रदर्शन करने और भ्रष्टाचार के प्रतीक स्वरूप पुतला जलाया जाने के अपने फैसले पर अडिग हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके श्री भरत सिंह की मंगलवार को कोटा में कांग्रेस के संभाग स्तरीय संवाद कार्यक्रम में भाग लेते समय प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी बनाए जाने के बाद दूसरी बार कोटा के दौरे पर आए सुखजिंदर सिंह रंधावा से बंद कमरे में बातचीत के बाद श्री भरत सिंह ने दोनों नेताओं से हुई वार्ता पर संतोष प्रकट किया था और उन्होंने इस बात को माना था कि उन्होनें विभिन्न मसलों पर अपना जो पक्ष है,उसे वरिष्ठ पार्टी नेताओं के सम्मुख रख दिया है। उन्होंने इन मसलों को गंभीरता से लिया है जिससे वे संतुष्ट भी हैं।
यही नहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी विधायक श्री भरत सिंह से बातचीत के बाद यह स्पष्ट बात कही थी कि श्री भरत सिंह पूरी तरह से संतुष्ट हैं। वे भले 100 प्रतिशत संतुष्ट हो लेकिन हमारी कोशिश उन्हें 101 प्रतिशत संतुष्ट करने की है। वह सदैव पार्टी और सरकार के साथ हैं।
हालांकि दोनों नेताओं से भरत सिंह की बातचीत और उससे भी संतुष्ट होने के बावजूद धरना-प्रदर्शन देने के संबंध में यह माना जा रहा है कि श्री भरत सिंह की यह सोच है कि उनका धरना-प्रदर्शन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनकी सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं है बल्कि वे तो इस कार्यक्रम के जरिए श्री गहलोत की इस सोच को ही आगे बढ़ाना चाहते हैं कि पार्टी और सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिये। तकरीबन चार साल पहले जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई थी, तब सरकार बनने के पहले एवं बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भ्रष्टाचार के मसले पर स्पष्ट कहा था कि भ्रष्टाचार की प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी और प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त किया जाएगा।
श्री भरत सिंह स्पष्ट कह रहे हैं कि श्री गहलोत को अपने इसी वायदे को याद दिलाने के लिए वह यह धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं जो सरकार के खिलाफ कैसे हो सकता है और उस दिन पुतला भी भ्रष्टाचार के प्रतीक का ही जलाया जाएगा। किसी व्यक्ति विशेष का नही। श्री भरत सिंह का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सतत संघर्ष तो सदैव जारी रहना चाहिए और समझा जाता है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बावजूद यह धरना-प्रदर्शन भी यही जताने के लिए कर रहे हैं कि पार्टी को ऐसे गंभीर मसलों पर सदैव अडिग रहना चाहिए, चाहे वह सत्ता में हो या सत्ता के बाहर।।
श्री भरत सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और प्रतीक स्वरूप पुतला जलाने का दिन 10 फरवरी भी इसीलिए तय किया है कि उस दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान विधानसभा में अपने इस कार्यकाल का पांचवा सालाना वित्तीय बजट पेश करेंगे। और श्री भरत सिंह अपनी इस कार्यक्रम के जरिये मुख्यमंत्री को एक बार फिर ‘जीरो टॉलरेंस’ के प्रति उनकी नीति-घोषणा की याद दिलायेंगे।
उल्लेखनीय है कि श्री भरत सिंह की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ता और उनके समर्थकों का मंगलवार को कोटा में कलक्ट्रेट पर भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना देना प्रस्तावित और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता वहां पहुंचे थे लेकिन स्वयं श्री भरत सिंह इसमें सम्मिलित नहीं हो पाए थे क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें पार्टी के संभागीय संवाद कार्यक्रम में होने वाली चर्चा में भाग लेने के लिए एक निजी रिसोर्ट पर आमंत्रित किया था तो श्री भरत सिंह ने धरने पर जाने की जगह पार्टी के कार्यक्रम में सम्मिलित होने को तरजीह दी लेकिन उस कार्यक्रम में शिरकत के बाद उन्होंने यह स्पष्ट ऐलान किया था कि क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी है इसलिए अब वे 10 फरवरी को पुन: कोटा कलक्ट्री पर धरना-प्रदर्शन आयोजित कर उसमें सम्मिलित होंगे और इसी के तहत वे शुक्रवार के प्रस्तावित प्रदर्शन का नेतृत्व करने जा रहे हैं।

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह जी को कोटा के कोचिंग सब में हो रही युवकों की मौत पर भी ध्यान देना चाहिए तथा कोचिंग की बदनाम शिक्षण व्यवस्था से मुक्ति के उपाय खोजने के लिए सरकार पर दबाव‌ बनाना चाहिए