वसुंधरा राजे की अंतिम उम्मीद चुनाव अभियान समिति

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वसुंधरा राजे

अभी तक राजस्थान के अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिन दो समितियों का पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने गठन किया गया है, उनमें न तो श्रीमती वसुंधरा राजे को जगह मिली है ना ही उनके खास समर्थक स्थान हासिल कर पाए है। एक समिति प्रदेश चुनाव संकल्प पत्र समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तो दूसरी प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नारायण पचारिया बनाये गये हैं और इन दोनों को ही केंद्रीय नेतृत्व, खास तौर से भारतीय जनता पार्टी के इकलौते आलाकमान नरेंद्र दामोदर दास मोदी का कट्टर समर्थक माना जाता है।

-कृष्ण बलदेव हाडा-

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कृष्ण बलदेव हाडा

भारतीय जनता पार्टी की ओर से अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दो प्रमुख समितियों प्रदेश चुनाव संकल्प पत्र समिति अौर प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का गठन कर दिया गया है और दोनों ही समितियों में श्रीमती वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की पूरी तरह से उपेक्षा किए जाने के बाद अब उन्हें तीसरी और अंतिम महत्वपूर्ण समिति चुनाव अभियान समिति यानि कैंपेन कमेटी या कहें स्टीयरिंग कमेटी के नाम से भी जाने जानी वाली समिति की घोषणा की प्रतीक्षा रहेगी क्योंकि अब श्रीमती वसुंधरा राजे की अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की दृष्टि से क्या भूमिका रहने वाली है, इसी चुनाव अभियान समिति के गठन पर निर्भर करेगा। वैसे श्रीमती राजे इस समिति की अध्यक्ष या संयोजक के पद की प्रबल और नैसर्गिक-निर्विवाद दावेदार हैं और यह माना भी जाता है कि जो भी चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष या संयोजक होगा, वही अगले विधानसभा चुनाव के बाद यदि भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतकर बहुमत हासिल करने की स्थिति में आती है तो मुख्यमंत्री भी वह ही बनेगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में जब देश में आम चुनाव हुए थे, तब आम चुनाव का पूरा खर्च उठाने के मसले पर लाल कृष्ण आड़वाणी को दरकिनार कर अम्बानी-अडानी जैसे बड़े औद्योगिक घरानों के समर्थन से नरेंद्र दामोदर मोदी के चेहरे को भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया गया था तो केंद्रीय चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष भी नरेंद्र दामोदर दास मोदी को ही बनाया गया था। अभी तक राजस्थान के अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिन दो समितियों का पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने गठन किया गया है, उनमें न तो श्रीमती वसुंधरा राजे को जगह मिली है ना ही उनके खास समर्थक स्थान हासिल कर पाए है।

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एक समिति प्रदेश चुनाव संकल्प पत्र समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तो दूसरी प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नारायण पचारिया बनाये गये हैं और इन दोनों को ही केंद्रीय नेतृत्व, खास तौर से भारतीय जनता पार्टी के इकलौते आलाकमान नरेंद्र दामोदर दास मोदी का कट्टर समर्थक माना जाता है।
प्रदेश की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी और राजस्थान में भाजपा की सर्वाधिक लोकप्रिय नेता माने जाने वाली श्रीमती वसुंधरा राजे चुनाव अभियान समिति या कहे कि कैंपेन कमेटी या स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्ष बनने की इच्छुक मानी जाती है वरना तो इसके पहले उनके पास प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के अवसर मौजूद थे लेकिन उन्होंने इन पदों को स्वीकार करना जरूरी नहीं समझा।

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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वह स्वयं अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की चुनाव अभियान समिति यानी स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्ष या संयोजक बनना चाहती है क्योंकि जिसके पास भी इसकी अगुवाई होगी, वह भी अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सफलता मिलने की स्थिति में मुख्यमंत्री बनेगा। अब यहां यह बताना बहुत अहम है कि अगर कोई बहुत बड़ी राजनैतिक मजबूरी ही नहीं बन गई तो कम से कम भाजपा के इकलौते आलाकमान नरेंद्र दामोदर दास मोदी और उनके सबसे विश्वसनीय स्वयंभू चाणक्य अमित शाह तो कम से कम इस पद के लिए श्रीमती वसुंधरा राजे को उपर्युक्त मारने के पक्ष में अब तक कभी नजर नहीं आए हैं ।

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