दल तो मिला, दिल नहीं, कैसे मिलेगी जीत

जब ईपीएस मुख्यमंत्री थे, उस समय ओपीएस पार्टी में समन्वयक के साथ उपमुख्यमंत्री भी रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद ओपीएस दो धडे वाली पालिसी को खत्म करना चाहते थे, वहीं ओपीएस सत्ता के दो केंद्र बना कर रहना चाहते थे। दोनों के बीच लड़ाई का मुख्य कारण यही है।

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फोटो सोशल मीडिया

ईरोड उपचुनाव में ईपीएस गुट को मिली दो पत्तियां सिंबल

-विष्णुदेव मंडल-

विष्णु देव मंडल

स्वतंत्र पत्रकार चेन्नई)
चेन्नई। तमिलनाडु के ईरोड विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव चुनाव आगामी 27 फरवरी को होने हैं, जबकि नतीजे 3 मार्च को आएंगे। इस उपचुनाव से पूर्व एआईएडीएमके ओपीएस बनाम ईपीएस के बीच चल रहा संघर्ष कुछ दिनों के लिए थम गया है। बता दें कि ईपीएस और ओपीएस के बीच एआईडीएमके पार्टी महासचिव के पद के लिए संघर्ष था। जब ईपीएस मुख्यमंत्री थे, उस समय ओपीएस पार्टी में समन्वयक के साथ उपमुख्यमंत्री भी रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद इपीएस दो धडे वाली पालिसी को खत्म करना चाहते थे, वहीं ओपीएस सत्ता के दो केंद्र के पक्ष में थे। दोनों के बीच लड़ाई का मुख्य कारण यही है।
लेकिन ईरोड उपचुनाव की घोषणा के बाद दोनों धडों ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। दोनों पक्ष पार्टी सिंबल के लिए दावा कर रहे थे। लेकिन ईरोड विधानसभा उपचुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्ष को जेनरल कांउसिल सदस्यों के मतदान के आधार पर दो पत्तियाँ सिंबल आंवटन की बात कही थी, जिनमें पार्टी के जेनरल कांउसिल के सदस्यों ने मतदान किया। इसके तहत ईपीएस गुट के उम्मीदवार के.एस तेनअरसु के पक्ष में सदस्यों ने मतदान किया और ईपीएस गुट के उम्मीदवार को दो पत्तियाँ सिंबल आवंटित की गई।

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बहरहाल पार्टी जेनरल कांउसिल सदस्यों के द्वारा उम्मीदवार के चयन को ओपीएस ने भी मान लिया है, फैसले के बाद ओपीएस ने पत्रकारों को बताया कि हम दो पत्तियाँ सिंबल के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे लेकिन उम्मीदवार के पक्ष में नहीं।
इशारा साफ़ है दल मिला है दिल नहीं। दुसरी तरफ भाजपा जो गठबंधन की सहयोगी है अक्सर कहते रहे हैं कि हम उसे सहयोग करेंगे जिनके साथ पार्टी का सिंबल होगा। बीजेपी तमिलनाडु ईकाई के अध्यक्ष के.अनामलै ने दोनों गुटों से अपील की है कि लड़ाई डीएमके और कांग्रेस अलांइस के बीच है। डीएमके ने कांग्रेस पार्टी के पुराने नेता ईवीकेस इलंगोवन को उम्मीदवार बनाया है। इसलिए ओपीएस को अपना उम्मीदवार को हटा लेना चाहिए।
हालांकि ओपीएस गुट के नेता ने दो पत्तियाँ सिंबल के खिलाफ अपने उम्मीदवार को नाम वापसी के लिए हामी भर दी है। ओपीएस गुट के नेता कृष्णन ने पत्रकारों को बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सलाह को हम मानने को तैयार हैं। हम दो पत्तियाँ सिंबल के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे।
ज्ञात हो कि  27 फरवरी को होने वाले चुनाव में मुख्य मुकाबला डीएमके और एआईएडीएमके उम्मीदवारों की बीच है, लेकिन एआईएडीएमके के धडों में बट जाने से मतदाताओं में मायूसी है।  जहाँ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इरोड पूर्व सीट कांग्रेस को आवंटित कर दी है और उनके सभी सहयोगी दल एकजुट हैं वही एआईएडीएमके गुटों में बंटे होने के कारण जीत से कोसों दूर नजर आ रही है।
यहां उल्लेखनीय है कि पार्टी जनरल काउंसिल मेंबर की कुल सदस्यों की संख्या 2665 है। जिनमें से 15 दिवंगत हो चुके हैं वही दो सदस्य किसी अन्य पार्टी में चले गए हैं।

इस चुनाव प्रक्रिया में मतदान के पर्चे व्हाट्सएप, ईमेल और रजिस्ट्री पोस्ट के जरिए भेजी गई थी। पार्टी से निष्कासित सदस्य ओ. पनीरसेलवम, आर वैधलिंगम और पाल मनोज पांडियन को भी मतदान पर्ची भेजी गई थी। 2501 जनरल काउंसिल मेंबर ने एआईएडीएमके उम्मीदवार के एस तेनअरसु पक्ष में मतदान किया जबकि 145 लोगों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। वहीं 17 कांउसिल सदस्यों ने बीमार होने के वजह से मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
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