नगालैड क्या कांग्रेस खोया हुआ आधार पा सकेगी !

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-एनडीपीपी व भाजपा के बीच गठबंधन, 40ः20 के फार्मूले पर लड़ेंगे चुनाव

कोहिमा। नगालैंड वर्तमान में देश का एकमात्र राज्य हैं जहां व्यावहारिक तौर पर विपक्ष नहीं है। राज्य में 2018 के चुनाव के बाद राज्य में यूनाइटेड डेमोक्रटिक एलायंस की सरकार बनी जिसमें मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी ने 18 और भाजपा ने 12 सीटें जीतकर एनपीपी व जनता दल यू आदि दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। एनपीएफ 26 सीटें जीतकर सबसे बडी पार्टी के रूप में उभरी थी लेकिन वह सरकार नहीं बना सकीं। सत्ता में एनडीपीपी व भाजपा का गठबंधन सत्ता में आया। दोनों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन था। आज भी राज्य में सरकार तो उनकी ही है लेकिन वहां बाद में एक एक कर अन्य विपक्षी पार्टियां सरकार के साथ आती गई और आज आज राज्य की हर पार्टी उसके साथ आ जाने से वहां व्यावहारिक स्तर पर विपक्ष नहीं है। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में यह तस्वीर बदलती नजर आ रही है। नगालैंड कभी कांग्रेस का गढ़ था लेकिन अब यह क्षेत्रीय दलों के हाथ में है लेकिन भाजपा ने यहां अपनी जगह बना ली है और अब वह अपने आपको मजबूत करना चाहती है। जबकि कांग्रेस धीरे धीरे नेपथ्य में जा रही है। इस बार सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या कांग्रेस अपना खोया हुआ आधार पा सकेगी। पार्टी प्रयासरत है लेकिन फिलहाल उसके पास रिफ्यू रियो जैसे नेता का विकल्प नजर नहीं आता है। देखना यह है कि कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरती है या किसी क्षेत्रीय दल के साथ गठबंधन करती है।

एनडीपीपी व भाजपा मिलकर लड़ेंगी चुनाव

पिछले विधानसभा चुनाव में सीएम नेफ्यू रियो की एनडीपीपी और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था और इस बार भी दोनों पार्टियों के मिलकर चुनाव लड़ने के आसार हैं। दोनों पहले ही इस बात की घोषणा कर चुकी हैं। इस फार्मूले के तहत एनडीपीपी 40 और भाजपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी । कांग्रेस पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी । पिछले चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। 2013 के चुनाव में कांग्रेस 8 सीटों पर विजयी हुई थी। लेकिन पांच साल बाद उसने अपना यह आधार भी गंवा दिया था।

एनडीपीपी भाजपा को चार शहरी सीट देगी

इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीपीपी भाजपा को चार शहरी सीटें देने के लिए सहमत हो गई है। इसमें कोहिमा टाउन की सीट भी शामिल है। मुख्यमंत्री रियो इस समझौते पर सहमत हो गए हैं। यह सहमति नई दिल्ली में हुई एक बैठक में बनी।

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